क्लाइन ने कहा कि तहव्वुर राणा (TAHAWWUR RANA) को भारतीय जेलों में प्रताड़ित किया जा सकता है, वहां की जेलों की हालत अमानवीय है
आतंकी तहव्वुर राणा (TAHAWWUR RANA) ने अपने प्रत्यर्पण को रुकवाने के लिए हर कानूनी हथकंडा अपनाया। तहव्वुर राणा भारत आना ही नहीं चाहता था। उसने हर हथकंडा आजमाया। लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। उसे बस इतना ही हासिल हो सका कि भारत को प्रत्यर्पण में देरी का सामना करना पड़ा। लेकिन अब तहव्वुर राणा भारतीय एजेंसियों के चंगुल में है।
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अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट से की थी अपील
फरवरी में डोनाल्ड ट्रंप ने पीएम मोदी के सामने ऐलान किया था कि राणा को भारत भेजा जाएगा। इसके बाद उसने अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट से उसे भारत न भेजने की अपील की। उसने दावा किया कि वह पाकिस्तानी मूल का है। इस वजह से उसे वहां प्रताड़ित किया जा सकता है। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उसकी अपील खारिज कर दी। तहव्वुर राणा के वकील जॉन डी क्लाइन ने 21 जनवरी 2025 को अमेरिकी विदेश विभाग को एक पत्र लिखा। इसमें उन्होंने प्रत्यर्पण को रुकवाने की कोशिश की। उन्होंने इसके पीछे 33 से ज्यादा स्वास्थ्य कारणों और भारत में प्रताड़ित किए जाने का हवाला दिया।
TAHAWWUR RANA की एक नहीं सुनी
हालांकि अमेरिकी प्रशासन ने उनकी एक नहीं सुनी। क्लाइन ने कहा कि तहव्वुर राणा (TAHAWWUR RANA) को भारतीय जेलों में प्रताड़ित किया जा सकता है। वहां की जेलों की हालत अमानवीय है। ट्रायल के इंतजार में राणा की स्वास्थ्य कारणों से भारत में मौत हो सकती है। वकील ने दलील दी कि अगर राणा को भारत भेजा गया तो उसे यातनाएं झेलनी पड़ेंगी, क्योंकि वह पाकिस्तानी मूल का मुसलमान है। उन्होंने अपने पत्र में आगे लिखा कि लॉस एंजिल्स जेल में पांच साल कैद रहने के बाद राणा की तबीयत और खराब हो गई है। राणा को पार्किंसन की बीमारी है। उसकी सोचने की क्षमता भी कम हो गई है। इसके अलावा वह बार-बार पेशाब आने और याददाश्त की समस्या से जूझ रहा है।
वकील ने कहा कैंसर होने की आशंका
वकील ने कहा कि राणा (TAHAWWUR RANA) के मूत्राशय में गांठ है। आशंका है कि यह कैंसर हो सकता है। वकील जॉन डी क्लाइन ने कहा कि राणा को स्ट्रोक, डायबिटीज, टीबी और हार्ट अटैक का भी खतरा है। उसे डायलिसिस की भी जरूरत पड़ेगी। उसका कैंसर का इलाज चल रहा है। अगर मूत्राशय कैंसर का पता चलता है तो उसे सर्जरी और कीमोथेरेपी भी करानी पड़ेगी। वकील की इस लंबी स्क्रिप्ट को अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने तुरंत खारिज कर दिया। अपने लिखे जवाबी पत्र में उन्होंने कहा कि तहव्वुर राणा को भारत भेजा जाएगा। यह भी कहा गया कि प्रत्यर्पण में अंतर्राष्ट्रीय नियमों का पालन किया गया है।