न्याज़िया मंथन। आपको नहीं लगता कोई कितना भी दिखावा करले, अपने असल चरित्र को छुपाने […]
Tag: मंथन
उनसे क्या घबराना या इतराना जो आज है कल नहीं
न्याज़ियामंथन। जी हां हमारे जीवन में कुछ भी स्थाई नहीं है ,सब कुछ नश्वर है […]
जितने खराब हालात, उतने मज़बूत हम
न्याज़ियामंथन। अक्सर परिस्थितियां हमें तोड़ कर रख देती हैं लेकिन आपको नहीं लगता कि जिसके […]
प्यार करने का सबसे अच्छा तरीका
मंथन। आपको क्या लगता है अपनी मोहब्बत किस तरीके से हम आसानी से सामने वाले […]
दुनिया कौन होती है हमें…
न्याज़िया मंथन। दुनिया कुछ भी कहे, हम अच्छे हैं ,बुरे हैं या अजीब हैं तो […]
जब ज़िद पर अड़ जाए हम…
न्याज़ियामंथन। कई बार हमारा मन ज़िद पर अड़ जाता है पर हर ज़िद को मान […]
क्या किसी को छोड़ना, भूलना कागज़ को फाड़ देने जितना आसान है!
मंथन। क्या रिश्ते कागज़ी होते हैं, क्या किसी को छोड़ना भूलना कागज़ को फाड़ देने […]
क्या है जीवन का गणित…
न्याज़िया मंथन। आपको नहीं लगता,पोथी पढ़के विद्वान बनना और बुद्धिमान बनके विवेक से काम लेना […]
आशाएं और हम…
न्याज़िया मंथन। कहते हैं उम्मीद पे दुनिया क़ायम है हां शायद हम उम्मीद से बंधे […]
बस वक़्त की क़ीमत होती है…
न्याज़िया मंथन। वक़्त का तकाज़ा देखकर ही चलना चाहिए जब जो वक़्त कहे वो करना […]