न्याज़ियामंथन। जब किसी मुश्किल का हल न समझ आए, ग़मों की अंधेरी रात ढलने का […]
Tag: introspection
क्या जो भी हमारे साथ ग़लत करे उससे नाराज़ होना या समझाना ज़रूरी
न्याज़िया मंथन। क्या जो भी हमारे साथ ग़लत करे उससे नाराज़ होना या समझाना ज़रूरी […]
अच्छा होगा कि हम बर्दाश्त करना सीखे, धैर्य से काम लें
न्याज़ियामंथन। आपको क्या लगता है क्या ज़्यादा मुश्किल है ? किसी की बात का पलट […]
क्या वास्तव में औरत कंमजोर है!
न्याज़ियामंथन। औरत कौन होती है वो लड़की जिसकी क़ुव्वत क़ुदरत धीरे-धीरे उसे बता देती है […]
‘नमन्ति फलनो वृक्षा, नमन्ति गुणतोजना, शुष्क कास्ठानि मुर्खाश्च नमति कदाचन’
न्याज़ियामंथन। क्या आपके पास भी कुछ लोग ऐसे हैं जो आपसे बहुत बड़े हैं उम्र […]
हर समय दुखी रहने से हम हो जाते है अकेले!
न्याज़ियामंथन। आपको नहीं लगता कि हर वक़्त दुखी रहने से हम अकेले रह जाते हैं […]
क्या अपनी तारीफ करना सही है?
न्याज़ियामंथन। माना कि हम बहोत गुणीं हैं बहुत क़ाबिल हैं पर क्या अपनी तारीफ करना […]
आख़िर क्या चाहते हैं हम!
न्याज़ियामंथन। क्या हम सब जानते हैं कि आखिर हमें क्या चाहिए ? हमारा सुख कहां […]