राजनीति के मूल स्वर से गायब होता जन-मन-गण! FT. जयराम शुक्ल

Author Jayram Shukla | आजादी के बाद से अबतक में समाज, चुनाव और मीडिया 360 डिग्री घूम चुका है, बदल चुका है। यदि नहीं बदला है तो चुनाव को लेकर... Read More

निरा’आधार’ जिन्दगी का ग्रोथ रेट.. साँच कहै ता..जयराम शुक्ल

लेख : जयराम शुक्ल | आज से कोई बारह-चौदह साल पहले जब यूपीए सरकार ने यूनिक आईडी की अवधारणा दी थी तब स्तंभकार व मैनेजमेंट गुरू रघुरामन ने इसकी बड़ी... Read More