Author Jayram Shukla | चाटुकारिता भी कभी-कभी इतिहास में सम्मान योग्य बन जाती है। आपातकाल के उत्तरार्ध […]
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यादों में आपातकाल भाग-2, जब जेपी की हुंकार से सिंहासन हिल उठे! -जयराम शुक्ल
Author Jayram Shukla | कांग्रेस के अध्यक्ष देवकांत बरुआ का नारा इंदिरा इज इंडिया गली कूँचों तक […]
यादों में आपातकाल भाग-1, इंदिरा की जेल में नेता, गुंडे, गिरहकट एक भाव! -जयराम शुक्ल
Author Jayram Shukla | पंद्रह अगस्त, छब्बीस जनवरी यदि सरकारी आयोजन न होते तो पब्लिक […]
राजनीति के मूल स्वर से गायब होता जन-मन-गण! FT. जयराम शुक्ल
Author Jayram Shukla | आजादी के बाद से अबतक में समाज, चुनाव और मीडिया 360 […]
निरा’आधार’ जिन्दगी का ग्रोथ रेट.. साँच कहै ता..जयराम शुक्ल
लेख : जयराम शुक्ल | आज से कोई बारह-चौदह साल पहले जब यूपीए सरकार ने […]