साज़ों से खेलना आसान नहीं होता वो भी जब नाज़ुक से तारों को फुर्तीली उंगलियों से यूं छेड़ना हों कि…
Classical musician Pandit Satish Vyas: साज़ों से खेलना आसान नहीं होता वो भी जब नाज़ुक से तारों को फुर्तीली उंगलियों से यूं छेड़ना हों कि कोई तेज़ या धीमा स्वर... Read More