क्या अपनी तारीफ करना सही है?

न्याज़ियामंथन। माना कि हम बहोत गुणीं हैं बहुत क़ाबिल हैं पर क्या अपनी तारीफ करना सही है ?अपने लिए बड़े-बड़े दावे करना सही है? कहीं ये कॉन्फिडेंस ,ओवर कॉन्फिडेंस तो... Read More

आख़िर क्या चाहते हैं हम!

न्याज़ियामंथन। क्या हम सब जानते हैं कि आखिर हमें क्या चाहिए ? हमारा सुख कहां छुपा है ? क्या ,उसकी तलाश में हैं हम ?या फिर दुखी मन से बस... Read More

दिल की बात कहें? तो किससे कहें?

न्याज़ियामंथन। कैसे ढूंढे? उस इंसान को जो हमारी मजबूरियों का फायदा न उठाएं! शायद आज की दुनियां में ये काम सबसे मुश्किल है ,क्योंकि आज हर इंसान ,दूसरे का फायदा... Read More

क्या वाक़ई! हर मुश्किल का हल होता है?

न्याज़िया बेगममंथन। हर मुश्किल का हल अगर होता है तो हमें क्यों नहीं मिलता, क्या कुछ अलग नज़रें चाहिए, उस हल को देखने के लिए, बड़ा आत्मविश्वास चाहिए और धैर्य... Read More