न्याज़िया मंथन। कहते हैं उम्मीद पे दुनिया क़ायम है हां शायद हम उम्मीद से बंधे […]
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आप को नहीं लगता ,आज की दुनिया में हर शख़्स परेशान सा है!
न्याज़िया मंथन। सब कुछ होते हुए भी हम जीवन का आनंद नहीं ले पाते कभी […]
ज़िंदगी क्या सच में एक पहेली है!
न्याज़िया मंथन। ज़िंदगी क्या सच में एक पहेली है जिसका जवाब ढूंढना बहुत मुश्किल है,जैसे […]
सब कुछ सबके नसीब में नहीं होता…
न्याज़ियामंथन। बहुत बार दिल नहीं मानता कि हर चीज़ हमें नहीं मिल सकती, हमारी कोशिशें […]
क्या महिला, पुरुष एक दूसरे से बिल्कुल जुदा सोच रखते हैं ?
न्याज़ियामंथन। क्या औरत का दिल आदमियों से कुछ अलग धड़कता है उसके एहसासात, जज़्बात कुछ […]
इस तरह वक्त तो गुज़र जाता है…
न्याज़िया मंथन। जब हम खाली होते हैं तो मनोरंजन के साधन ढूंढते हैं दिल बहलाने […]
क्या ज़िंदगी से मायूस हो जाना सही है
न्याज़ियामंथन। जब किसी मुश्किल का हल न समझ आए, ग़मों की अंधेरी रात ढलने का […]
क्या जो भी हमारे साथ ग़लत करे उससे नाराज़ होना या समझाना ज़रूरी
न्याज़िया मंथन। क्या जो भी हमारे साथ ग़लत करे उससे नाराज़ होना या समझाना ज़रूरी […]
अच्छा होगा कि हम बर्दाश्त करना सीखे, धैर्य से काम लें
न्याज़ियामंथन। आपको क्या लगता है क्या ज़्यादा मुश्किल है ? किसी की बात का पलट […]
छोटी मोटी परेशानियां अच्छी हैं!
न्याज़ियामंथन। आपको नहीं लगता कि हमेशा हम डरते रहते हैं कि किसी परेशानी में न […]