तालों के शहर भोपाल का बाशिंदा था वोगीतों में खींचता था जज़्बातों की तस्वीरमानो ठहरे हुए पानी में क़ैद हो किसी की तक़दीरये लफ्फाज़ी बांधती है हमें बनके ज़ंजीर।जी हां... Read More