रीवा में बघेली साहित्यकार शंभू काकू की पुण्य तिथि पर कवि संगोष्ठी का आयोजन

Poetry symposium organized in Rewa on the death anniversary of Bagheli litterateur Shambhu Kaku: रीवा में बघेली बोली के साहित्य पुरोधा स्व शंभू प्रसाद काकू की स्मृति में कवियों एवं... Read More

बघेलखंड की लुप्त होती बोली सुबह कलेवा, दोपहर जेउनार और रात मा बिआरी, अब लंच-ब्रेकफास्ट और डिनर बन रहा रट्टू

बघेलखंड की भाषा। भारत देश विविध भाषा और बोलियों से परिपूर्ण है। अपने-अपने क्षेत्रों की बोली में खानपान से लेकर सभी तरह की गतिविधियों में ऐसी भाषा का उपयोग किया... Read More