न्याज़िया मंथन। दुनिया कुछ भी कहे, हम अच्छे हैं ,बुरे हैं या अजीब हैं तो हमें क्यों फर्क पड़ता है? आख़िर दुनियां वाले हमारी तारीफ या बुराई भी करें तो... Read More