आप जो चाहें, बना लें! FT. जयराम शुक्ल

Author: जयराम शुक्ल | शरद जोशी ने कोई चालीस वर्ष पहले "हम भ्रष्टन के भ्रष्ट हमारे" व्यंग्य निबंध रचा था। तब यह व्यंग्य था, लोगों को गुदगुदाने वाला। भ्रष्टाचारियों के... Read More

“विडंबना यह कि अँग्रेजी की पालकी ढ़ोने वाले हिन्दी पर सवारी पर गाँठते हैं” FT. जयराम शुक्ल

विश्व हिन्दी दिवस प्रति वर्ष 10 जनवरी को मनाया जाता है। विश्व में हिन्दी का विकास करने और इसे प्रचारित-प्रसारित करने के उद्देश्य से विश्व हिन्दी सम्मेलनों की शुरुआत की... Read More

पोर्न की सडांध से हमारे बच्चों को बचाओ! FT. जयराम शुक्ल

यह बताने की जरूरत नहीं कि बलात्कार फिर हत्या जैसे अपराधों का सैलाब यकायक क्यों फूट पड़ा। जवाब है वर्जनाएं टूटती ह़ैंं तो सबकुछ बहा ले जाती हैं । पहले... Read More

पुनर्वालोकन: तानसेन किस मजबूरी के चलते रामचन्द्र को छोड़ अकबर के पास गए! FT. जयराम शुक्ल

विधिना यह जिय जानि के शेषहि दिये न कान,धरा मेरू सब डोलि हैं, सुनि तानसेन की तान। अर्थात- "ब्रह्मा ने यह जानकर ही शेषनाग को कान नहीं दिए क्योंकि तानसेन... Read More

आधी दुनिया का पूरा हिस्सा! FT. जयराम शुक्ल

Author: Jairam Shukla | हम अतीतजीवी हैं। वर्तमान के हर बदलाव को विद्रूप बताते हुए उस पर नाहक ही लट्ठ लेकर पिल पड़ते हैं। अक्सर सुनते हैं कि हमारा जमाना... Read More

जननायक बिरसा मुंडा जयंती पर विशेष | वनवासी संस्कृति में ही गड़ी है हमारी गर्भनाल! FT. जयराम शुक्ल

Birsa Munda Jayanti 2024 | "रामायण कथा वनवासियों के पराक्रम और अतुल्य सामर्थ्य की कथा है, जिसमें उन्होंने राम के नेतृत्व में पूंजीवाद, आतंकवाद के पोषक साम्राज्यवादी रावण को पराजित... Read More

अब चड्ढी पहन के फूल नहीं खिलते! FT. जयराम शुक्ल

अब चड्ढी पहन के फूल नहीं खिलते!सांची कहै ता/जयराम शुक्ल ..जंगल जंगल बात चली है पता चला है,अरे चड्ढी पहनके फूल खिला हैफूल खिला है। •गुलजार लेख: जयराम शुक्ल |... Read More