Aatm Manthan :क्या ज़िंदगी एक पहेली है और क्या वाक़ई इसको सुलझाना इतना मुश्किल है […]
Tag: आत्म मंथन
सफलता का मंत्र
Aatm Manthan: दुनिया में सबके काम कुछ एक ही तरह के हैं, क़रीब – क़रीब […]
आत्म मंथन: खुद को बेसहारा समझ के क्या रोना
आपको नहीं लगता बेसहारा , शब्द हमें लाचारी और मायूसी से भर देता है ,अगर […]
ढोंग बहुत दिन तक नहीं टिकता
न्याज़िया मंथन। आपको नहीं लगता कोई कितना भी दिखावा करले, अपने असल चरित्र को छुपाने […]
उनसे क्या घबराना या इतराना जो आज है कल नहीं
न्याज़ियामंथन। जी हां हमारे जीवन में कुछ भी स्थाई नहीं है ,सब कुछ नश्वर है […]
जब ज़िद पर अड़ जाए हम…
न्याज़ियामंथन। कई बार हमारा मन ज़िद पर अड़ जाता है पर हर ज़िद को मान […]
कहां से आए आंसू…
न्याज़िया मंथन। आपको नहीं लगता कभी – कभी पीछे मुड़ कर देखना चाहिए क्योंकि हमने […]
क्या किसी को छोड़ना, भूलना कागज़ को फाड़ देने जितना आसान है!
मंथन। क्या रिश्ते कागज़ी होते हैं, क्या किसी को छोड़ना भूलना कागज़ को फाड़ देने […]
आशाएं और हम…
न्याज़िया मंथन। कहते हैं उम्मीद पे दुनिया क़ायम है हां शायद हम उम्मीद से बंधे […]
बस वक़्त की क़ीमत होती है…
न्याज़िया मंथन। वक़्त का तकाज़ा देखकर ही चलना चाहिए जब जो वक़्त कहे वो करना […]