प्रधानमंत्री मोदी का अपने संसदीय क्षेत्र के दौरे का दूसरा दिन है. पीएम ने वहां उमरहा स्थित स्वर्वेद महामंदिर (Swarved Mandir) का उद्घाटन किया। इसे 20 साल में 100 करोड़ की लागत से बनाया गया है. ये एक सात मंजिला मंदिर है. पीएम मोदी ने उद्घाटन के दौरान मंदिरों की दीवारों पर उकेरी गई नक्काशी देखी।
PM मोदी ने कहा मई देख रहा था,इस मंदिर की दीवारों पर स्वर्वेद (Swarved Mandir) को बारीकी से दीवारों पर अंकित किया गया है. ग्रंथों के चित्र को दीवारों पर बहुत ही खुबसुरत्ति से उकेरा गया है। उन्होंने आगे कहा, ये मंदिर इतिहास और संस्कृत का संगम है. आपको यद् होगा 2 वर्ष पूर्व इसी तरह हम अखिल भारतीय विहंगम योग के वार्षिक उत्सव में सम्मिलित हुए थे. एक बार फिर से हमे इस शताब्दी समारोह में शामिल होने का अवसर प्राप्त हुआ है. विहंगम योग साधना की यह यात्रा 100 वर्षों की अपनी भविष्यवाणी यात्रा है. पिछली सदी में महर्षि सदाफल देव ने ज्ञान और योग्य की दिव्य ज्योति प्रजवल्लित की थी. इन 100 वर्षों की यात्रा में इस दिव्य ज्योति ने देश दुनिया के लॉकजॉन करोड़ों लोगों के जीवन को परिवर्तित करने का काम किया है. इस पुण्य अवसर पर यहाँ 25000 कुण्डी स्वर्वेद ज्ञान महायज्ञ का आयोजन भी हो रहा है.
मोदी ने कहा, मुझे खुशीहै। मुझे विश्वाश है कि इस महायज्ञ की हर एक आहुति से विकसित भारत संकल्प और सशक्त होगा। मई महर्षि सदाफल जी को नमन करता हूँ. सरकार,समाज और संत सभी मिलकर का इस काशी का कायाकल्प करने के लिए काम कर रहे हैं। आज जो ये मंदिर बनकर तैया हुआ है ये उसी ईश्वर या प्रेरणा का उदहारण है.
ऐसा दवा किया जा रहा है है कि यह दुनिया के सबसे बड़े मेडिटेशन सेंटर सेंटरों में से एक है. इस मंदिर के अंदर भगवान् नहीं योग साधना की जायेगी। स्वर्वेद संप्रदाय आज 100 वां वार्षिकोत्सव भी मना रहा है. पीएम ने यहां आये हुए तमाम स्वर्वेद संप्रदाय के अनुयायिओं को भी सम्बोधित सम्बोधित करेंगे। पीएम का स्वर्वेद संप्रदाय से भावनात्मक लगाव है. वे 2021 में भी यहाँ आए थे. पीएम की मां हीराबेन भी योग संत समाज को मानती थी.
प्रधानमंत्री मोदी इसके बाद सेवापुरी जाएंगे। वहां 37 परियोजनाओं का लोकार्पण-शिलान्यास करेंगे। वह यहाँ जनसभा को भी सम्बोधित करेंगे। मंच से ही वर्चुअल माध्यम वाराणसी से दिल्ली को जाने वाली वनडे भारत जाने वाली ट्रैन को हरी झंडी दिखाएंगे। रविवार दोपहर को काशी पहुंचे पीएम मोदी रात को BLW गेस्ट हाउस में रात्रि विश्राम किए. प्रधानमंत्री बनने का ओईएम मोदी का यह वाराणसी का 43वां दौरा है.
योग-मेडिटेशन के लिए है यह मंदिर
स्वर्वेद से जुड़े चिराग पटेल ने बताया कि इस मंदिर का नाम स्वर्वेद 2 शब्दों मिलकर बना है स्वः और वेद,स्वः का एक अर्थ है आत्मा,वेद का अर्थ है ज्ञान। स्वः का दूसरा अर्थ परमत्मा भी होता है. वेद का अर्थ ज्ञान भी होता है। तप साधना के जरिये अनुभूत ज्ञान को स्वर्वेद ग्रंथ के रूप में अभिव्यक्ति करने वाले महर्षि सदाफल महाराज ने जो लिखा है हम सभी उसी का अनुसरण करते हैं. मंदिर के अंदर उनकी 113 फ़ीट ऊँची प्रतिमा भी लगाई जाएगी।