Maharashtra Assembly Election : महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव Maharashtra Assembly Election लगभग होने को हैं ऐसे में सियासी गुणभाग होना लाज़मी है , ऐसे में राज्य की प्रमुख राजनीतिक पार्टी एनसीपी में पार्टी सिंबल विवाद पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने अजित पवार गुट को निर्देश दिया कि चुनाव प्रचार में शरद पवार की फोटो और वीडियो का इस्तेमाल न करें। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्ज्वल भुइयां की बेंच ने अजित पवार के वकील से कहा कि आप शरद पवार के वीडियो का इस्तेमाल न करें और अपनी अलग राजनीतिक पहचान बनाएं। अब सुप्रीम कोर्ट इस मामले में अगले मंगलवार को फिर सुनवाई करेगा।
क्यों किया जा रहा शरद पवार के नाम का उपयोग।
आज सुनवाई के दौरान जस्टिस सूर्यकांत ने अजित पवार गुट से पूछा कि वीडियो पुराना होने के बावजूद भी शरद पवार का नाम बार-बार क्यों लिया जा रहा है? इस पर अजित पवार के वकील ने कहा कि यह पुराना फेसबुक पेज है। मैं इसकी जांच कैसे कर सकता हूं? इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आप पुराने और नए दोनों वीडियो का अनुपालन सुनिश्चित करें। अब आप खुद को अलग पार्टी के तौर पर स्थापित करने की कोशिश कर रहे हैं क्योंकि आपके शरद पवार से वैचारिक मतभेद हैं।
शरद पवार के वीडियो का इस्तेमाल न करें। Maharashtra Assembly Election
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम दोनों पक्षों को समझाने की कोशिश करेंगे कि आप अपने चुनाव पर ध्यान दें। इस देश की जनता बहुत समझदार है और वोट देना जानती है। देश की जनता पहचान सकती है कि कौन शरद पवार है और कौन अजित पवार। आप लोगों को ईमानदारी से कोर्ट के आदेश का पालन करना चाहिए और उसका सम्मान करना चाहिए। हमें नहीं पता कि वीडियो का असर होता है या नहीं और अगर होता है तो कितना? कोर्ट ने अजित पवार के वकील से कहा कि आप अपनी खुद की राजनीतिक पहचान बनाएं, आपको शरद पवार के वीडियो का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
हमने कोर्ट के आदेश का पालन किया: अजित गुट
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट शरद पवार गुट की उस याचिका पर सुनवाई कर रहा था जिसमें उन्होंने अपने भतीजे (अजित पवार) को इस चुनाव में अपनी पार्टी का प्रतिनिधित्व करने के लिए घड़ी के चुनाव चिह्न का इस्तेमाल करने से रोकने की मांग की थी। शरद पवार गुट की शिकायत के बाद सुप्रीम कोर्ट ने अजित पवार गुट के वकील से पूछा कि क्या वे सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन कर रहे हैं या नहीं? अजित पवार गुट के वकील ने कहा कि हमने कोर्ट के आदेश का पालन किया है। अखबारों में डिस्क्लेमर के साथ विज्ञापन भी प्रकाशित किए गए हैं। अजित पवार के वकील ने अदालत से कहा कि शरद पवार गुट का यह बयान कि आदेश का पालन नहीं किया जा रहा है, मतदाताओं को भ्रमित करने के लिए है।