Supreme Court On SIR: सुप्रीम कार्ट ने चुनाव आयोग से 1 दिसंबर तक मांगा जवाब

सुप्रीम कोर्ट द्वारा SIR मामले में चुनाव आयोग से 1 दिसंबर तक जवाब मांगे जाने की खबर

Supreme Court On SIR : सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को तमिलनाडु, केरल, पश्चिम बंगाल, पुडुचेरी और बिहार में चल रहे SIR को चुनौती देने वाली सभी याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई की। चीफ जस्टिस सूर्यकांत की अगुवाई वाली बेंच ने चुनाव आयोग को 1 दिसंबर तक अपना जवाब दाखिल करने का सख्त निर्देश दिया। चुनाव आयोग को सभी राज्य SIR मामलों में 1 दिसंबर, 2025 तक अपना जवाब दाखिल करना होगा। केरल मामले में अगली सुनवाई 2 दिसंबर को होगी, और बाकी सभी मामलों की सुनवाई 9 दिसंबर को होगी। BLO की मौत से जुड़े पश्चिम बंगाल मामले में भी 1 दिसंबर तक जवाब मांगा गया है।

‘SIR के दौरान 23 BLO की मौत हो गई | Supreme Court On SIR

चीफ जस्टिस ने कहा कि तमिलनाडु SIR मामले की सुनवाई सोमवार को होगी। केरल की याचिका में लोकल बॉडी चुनावों के कारण SIR को टालने की मांग की गई है। सीनियर वकील राकेश द्विवेदी ने कहा कि यह याचिका मद्रास हाई कोर्ट में पहले ही दाखिल की जा चुकी है। कोर्ट ने केरल के लिए अलग स्टेटस रिपोर्ट मांगी है। इस बीच, पश्चिम बंगाल याचिकाकर्ता के वकील ने दावा किया कि SIR के दौरान 23 बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) की मौत हो गई थी। कोर्ट ने इस गंभीर आरोप पर 1 दिसंबर तक वेस्ट बंगाल स्टेट इलेक्शन ऑफिस से जवाब भी मांगा है।

कपिल सिब्बल ने भी अपना पक्ष रखा।

बिहार का मामला भी इन पिटीशन में शामिल है, और इसकी सुनवाई दोपहर 2 बजे के बाद होनी है। सीनियर वकील कपिल सिब्बल ने दलील दी कि BLO को एक बार में सिर्फ़ 50 फ़ॉर्म अपलोड करने की इजाज़त है, जिससे प्रोसेस धीमा हो रहा है। इस बीच, इलेक्शन कमीशन की तरफ़ से सीनियर वकील राकेश द्विवेदी ने कोर्ट को बताया कि स्टेट इलेक्शन कमीशन के साथ पूरा कोऑर्डिनेशन है और कोई दिक्कत नहीं है। उन्होंने कहा कि 99% वोटर्स को फ़ॉर्म बांट दिए गए हैं। द्विवेदी ने आगे कहा कि 50% से ज़्यादा फ़ॉर्म डिजिटाइज़ हो गए हैं।

EC के वकील का बड़ा बयान। Supreme Court On SIR

इलेक्शन कमीशन के वकील ने यह भी कहा कि पॉलिटिकल पार्टियां जानबूझकर डर और पैनिक फैला रही हैं। उन्होंने कहा, “ये आपके (इलेक्शन कमीशन के) अपने इंस्ट्रक्शन हैं। आपने 50 फ़ॉर्म की लिमिट लगाई है। यह किसी भी पॉलिटिकल पार्टी या लीडर के लिए कोई मुद्दा नहीं है।” सभी पार्टियों को सुनने के बाद, कोर्ट ने साफ़ कर दिया कि इस प्रोसेस में कोई गड़बड़ नहीं होनी चाहिए और समय पर जवाब देना ज़रूरी है। अगली दो सुनवाई (2 दिसंबर और 9 दिसंबर) में यह तय हो सकता है कि अलग-अलग राज्यों में SIR जारी रहेगा या इसमें बदलाव किया जाएगा।

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