Supreme Court : सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने बुधवार को बुलडोजर कार्रवाई को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार को फटकार लगाई। दरअसल, मामला यूपी के महाराजगंज जिले का है, जहां सड़क चौड़ीकरण परियोजना के लिए बुलडोजर के जरिए घरों को तोड़ा गया। इस मामले में स्वत: संज्ञान लिया गया था, जिस पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) सुनवाई कर रहा था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि यूपी सरकार उस व्यक्ति को 25 लाख रुपये का मुआवजा दे जिसका घर तोड़ा गया। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि आप कहते हैं कि वह 3.7 वर्ग मीटर का अतिक्रमणकारी था।
सुप्रीम कोर्ट ने पूछा, कितने घर तोड़े गए? Supreme Court
याचिकाकर्ता के वकील ने मामले की जांच का अनुरोध किया। सीजेआई ने राज्य सरकार के वकील से पूछा, कितने घर तोड़े गए? राज्य के वकील ने कहा सफाई पेश करते हुए कहा कि 123 अवैध निर्माण थे।जिसको तोड़ा गया था इसपर जस्टिस जेबी ने प्रश्न किया पारदीवाला ने कहा कि आपके कहने का क्या तात्पर्य है कि यह अनधिकृत था, आपने 1960 से क्या किया, आप पिछले 50 सालों से क्या कर रहे थे, बहुत अहंकारी, राज्य को एनएचआरसी के आदेशों का सम्मान करना चाहिए, आप चुपचाप बैठे हैं और एक अधिकारी के कार्यों की रक्षा कर रहे हैं।
इस मामले की जांच होनी चाहिए- Supreme Court
सीजेआई ने आदेश में कहा कि इस मामले की जांच होनी चाहिए। यूपी राज्य ने एनएच की मूल चौड़ाई दिखाने के लिए कोई दस्तावेज पेश नहीं किया है। दूसरे, यह साबित करने के लिए कोई भौतिक दस्तावेज नहीं है कि अतिक्रमण को चिह्नित करने के लिए कोई जांच की गई थी। तीसरे, यह दिखाने के लिए कोई सामग्री नहीं है आपको बता दें की राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में अतिक्रमण का खुलासा करने में नाकाम रही जैसा की हम जानते हैं कि राजमार्ग की चौड़ाई और याचिकाकर्ता की संपत्ति की सीमा, जो अधिसूचित चौड़ाई में आती है। ऐसी स्थिति में, कथित अतिक्रमण के क्षेत्र से परे घर को ध्वस्त करने की आवश्यकता क्यों थी?
सुप्रीम कोर्ट ने कहा सड़क विस्तार से पहले नियमो का पालन करें ।
Supreme Court ने अपने आदेश में कहा है कि उन सभी लोगों को नोटिस दिया जाना चाहिए था जिनके घर उस क्षेत्र में आ रहे थे। पहले उनका पक्ष सुनने के बाद ही नियमानुसार कार्रवाई की जानी चाहिए। अपने फैसले में चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली बेंच ने इस आदेश की कॉपी सभी राज्यों को भेजने का भी निर्देश दिया है और कहा है कि राज्य सरकार सरकार का चौड़ीकरण या उसका विस्तार करने से पहले नियामों का पालन करें।