MP: 27% OBC आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट का नोटिस, सरकार से 4 जुलाई तक जवाब तलब

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OBC 27% Reservation News: याचिका में मध्य प्रदेश सरकार द्वारा OBC आरक्षण लागू न करने और हाईकोर्ट के 19 मार्च 2019 के अंतरिम आदेश का हवाला देकर कानून को लागू न करने की बात उठाई गई थी। कोर्ट ने सरकार के इस रवैये पर नाराजगी जाहिर की और कहा कि जब विधानसभा द्वारा बनाए गए कानून पर कोई रोक नहीं है, तो इसे लागू क्यों नहीं किया गया।

OBC 27% Reservation News: सुप्रीम कोर्ट की अवकाशकालीन बेंच, जस्टिस के.बी. विश्वनाथन और जस्टिस एन. कोटेश्वर सिंह की खंडपीठ ने बुधवार को कोर्ट क्रमांक 11 में याचिका WP(c) 606/2025 पर सुनवाई की। याचिका में मध्य प्रदेश सरकार द्वारा OBC आरक्षण लागू न करने और हाईकोर्ट के 19 मार्च 2019 के अंतरिम आदेश का हवाला देकर कानून को लागू न करने की बात उठाई गई थी। कोर्ट ने सरकार के इस रवैये पर नाराजगी जाहिर की और कहा कि जब विधानसभा द्वारा बनाए गए कानून पर कोई रोक नहीं है, तो इसे लागू क्यों नहीं किया गया।

सरकार से 4 जुलाई तक जवाब मांगा

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट द्वारा OBC आरक्षण से जुड़े मामलों की सुनवाई से इनकार करने के बाद सैकड़ों अभ्यर्थियों ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। PSC (पब्लिक सर्विस कमीशन) और अन्य भर्तियों में आरक्षण न मिलने से प्रभावित उम्मीदवारों ने याचिका दायर कर मांग की कि 27% OBC आरक्षण को तत्काल लागू किया जाए। याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर और वरुण ठाकुर ने पक्ष रखा। लंबी बहस के बाद कोर्ट ने सरकार को नोटिस जारी कर 4 जुलाई 2025 को उपस्थित होने के निर्देश दिए।

मध्य प्रदेश में 27% ओबीसी आरक्षण पर विवाद

मध्य प्रदेश विधानसभा ने 14 अगस्त 2019 को OBC के लिए 27% आरक्षण का कानून पारित किया था, लेकिन सरकार ने हाईकोर्ट के 19 मार्च 2019 के अंतरिम आदेश का हवाला देते हुए इसे लागू नहीं किया। सुप्रीम कोर्ट ने इस पर सवाल उठाया कि जब कानून पर कोई स्टे नहीं है, तो सरकार इसे लागू क्यों नहीं कर रही। कोर्ट ने इसे गंभीर मामला मानते हुए विशेष सुनवाई की और सरकार से स्पष्ट जवाब मांगा। मीडिया ने इस मामले को प्रमुखता से उठाया।

याचिकाकर्ताओं की दलील

याचिकाकर्ताओं ने कोर्ट में दलील दी कि सरकार का यह रवैया न केवल OBC समुदाय के अधिकारों का हनन है, बल्कि इससे प्रदेश में संवैधानिक संकट भी गहरा रहा है।

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