भारतीय मूल की Astronaut सुनीता विलियम्स और उनके साथी Astronaut बुच विल्मोर पिछले 8 महीनों से अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर फंसे हुए हैं. यह स्थिति तब पैदा हुई जब उनके बोइंग स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट में तकनीकी खराबी आ गईं और वो वहीं अटक गए. पर अब उनके वापस धरती में आने की एक उम्मीद की किरण दिखाई देने लगी। क्योंकि अमेरिका के प्रेजिडेंट ट्रम्प इसको लेकर काफी सीरियस हैं और अब दोनों अंतरिक्ष यात्रियों को वापस दुनिया में लाने के लिए जुट गए है। इसके लिए ट्रम्प ने अपने करीबी स्पेसएक्स के मालिक एलन मस्क से मदद भी मांगी है।
ट्रम्प ने एलोन मस्क से मांगी मदद :
ट्रम्प ने मदद अपने एक ट्रुथ पोस्ट के ज़रिये मांगते हुए लिखा की मैंने मस्क को फंसे 2 अंतरिक्ष यात्रियों को जल्द से जल्द घर लाने के लिए कहा है. जो कई महीनो से इंतज़ार कर रहे हैं .” डोनाल्ड ट्रंप ने लिखा की – एलन जल्द ही एक मिशन शुरू करेंगे, आशा है सब सुरक्षित होंगे। good luck Elon ……..फिर trump की इस पोस्ट पर एलोन ने भी पॉजिटिव रेस्पॉन्स किया। वैसे ट्रम्प ने अपनी पोस्ट के ज़रिये जो बाइडेन सरकार को भी जिम्मेदार ठहराया की प्रशासन ने उन्हें इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में इतने लंबे समय तक फंसा छोड़ दिया।
बहरहाल अब, एलन मस्क की स्पेसएक्स कंपनी की मदद से, सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर की सुरक्षित वापसी की उम्मीद बढ़ गई है. हालांकि, मिशन की तारीख अभी तय नहीं हुई है, लेकिन अमेरिका और पूरी दुनिया इस रेस्क्यू मिशन का इंतजार कर रही है।
स्पेसएक्स का क्रू-9 कैप्सूल :
वैसे इससे पहले नासा ने अगस्त 2024 में घोषणा की थी कि वे स्पेसएक्स के क्रू-9 कैप्सूल का इस्तेमाल करके दोनों अंतरिक्ष यात्रियों को वापस लाने की योजना बना रहे हैं. हालांकि, क्रू-9 कैप्सूल तब तक वापस नहीं आ सकता जब तक कि क्रू-10 मिशन को लांच नहीं किया जाता. जिसके बाद वैज्ञानिकों रेस्क्यू के की तारिख और आगे बढ़ गयी। बता दें की सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर को केवल 10 दिनों के लिए अंतरिक्ष स्टेशन पर भेजा गया था, लेकिन उनके स्पेसक्राफ्ट में तकनीकी खराबी आने की वजह से वो लोग वहां फंस गए. बोइंग और नासा ने कई कोशिशें कीं, लेकिन at last यह फैसला लिया गया कि स्पेसक्राफ्ट को ठीक करके वैज्ञानिकों को वापस लाना बहुत जोखिम भरा हो सकता है. जिसके बाद 10 दिनों का सफर 8 महीनो में तब्दील हो गया।
ये यात्रा घातक हो सकती है :
ये आठ महीने का सफर उनके लिए घातक भी हो सकता है। यानि की किसी इंसान का इतने दिनों स्पेस स्टेशन में रुकना खतरे से खाली नहीं होता है इससे ह्यूमन बॉडी पर काफी असर पड़ सकता है। इस दौरान शरीर की मांसपेशियां कमजोर होती है. हड्डियों का घनत्व कम होता है. ज्यादा समय तक रुकने पर दिल से जुडी बीमारियों का भी खतरा रहता है…
सुनीता विलियम्स को हो रही हैं कई दिक्कतें :
बात करें सुनीता विल्लियम्स की तो उनका भी कहना है की पिछले आठ महीने से उन्हें कई शरीरिक और मानसिक चुनौतियों का सामना किया है। पीपल मैगजीन को दिए गए एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि वो चलना तक वह अब चलना तक भूल चुकी हैं. उन्होंने कहा, “मैं स्पेस स्टेशन में इतने लंबे समय से हूं कि अब मुझे याद नहीं है कि चलना कैसा होता है. मैं न तो चली हूं, न बैठी हूं, और न ही लेटी हूं. अंतरिक्ष में आपको ऐसा करने की जरूरत नहीं होती. आप बस तैर सकते हैं.”
सुनीत की ये दूसरी लम्बी अंतरिक्ष यात्रा :
पर बता दें की ये सुनीता विलियम्स का इतने दिन का दूसरी दूसरी स्पेस स्टेशन का सफर है इससे पहले वो 2006 में 196 दिन बिता चुकी हैं। यही नहीं ऐसे कई वैज्ञानिक हुए हैं जो इससे भी लम्बा समय स्पेस स्टेशन में बिता चुके हैं।