Sundarja Mango | About Sundaraja Mango In Hindi: अब गर्मियों का मौसम आ गया है। इसे आम का मौसम भी माना जाता है भारत आमों के लिए विश्वभर में प्रसिद्ध है। यहाँ पूर्व से पश्चिम तक और उत्तर से लेकर दक्षिण तक विभिन्न किस्म के आमों की पैदावार होती है। इन्हीं में से एक प्रसिद्ध किस्म का आम है सुंदरजा, जो मध्यप्रदेश के विंध्य क्षेत्र के रीवा जिले में होता है। यह आम अपने विशिष्ट रंग, सुगंध और अनूठे स्वाद के वजह से जाना जाता है।
रीवा का सुंदरजा आम | Sundarja Mango Of Rewa
सुंदरजा आम का इतिहास | History of Sundaraja Mango
सुंदरजा आम को विकसित करने का श्रेय रीवा नरेश महाराजा वेंकट रमण सिंह जूदेव को जाता है। जिनका शासनकाल 1918 ईस्वी तक था। उन्होंने अपने बागवान बेनी माधव कुशवाहा को, लखनऊ के निकट मलिहाबाद में आम की बागवानी और संवर्धन का प्रशिक्षण लेने के लिए भेजा था। गौरतलब है मलिहाबाद अपने आमों के कारण ही जाना जाता है।
1912 में वापस लौटने के बाद बेनी माधव कुशवाहा ने गोविंदगढ़ के बागों में आम के संवर्धन का प्रयास प्रारंभ किया और एक आम की नस्ल ईजाद की। उसके फल लेकर वह महाराज के पास पहुंचे, फलों को देखकर महाराज के मुंह से अनायस ही निकल पड़ा- यह तो बड़ा सुंदर आम है। तभी से इसे सुंदरजा नाम मिला।
आम बहुत खास था | Sundaraja mango was very special
तब से लेकर 1968 तक यह रीवा राज परिवार के लिए ही विशिष्ट फल बना रहा। आम लोगों के लिए यह फल खास ही बना रहा। बाद में महाराज मार्तंड सिंह के प्रयासों से यह आम लोगों तक भी पहुंचा। इसकी फ़ार्मिंग गोविंदगढ़ में और भी कई जगह की गई।
गोविंदगढ़ और कुठुलिया में होते हैं सुंदरजा आम | Sundarja mangoes are found in Govindgarh and Kuthuliya
गोविंदगढ़ में महाराज रघुराज सिंह का बनवाया गया एक बहुत बड़ा बगीचा था। सुंदरजा आम को गोविंदगढ़ के उसी बाग में विकसित किया गया था। आज भी गोविंदगढ़ के कई फॉर्म्स में सुंदरजा आम की पैदावार बड़े मात्रा में होती है। गोविंदगढ़ के अलावा इसे बागवानी विभाग के कुठुलिया में भी इसकी पैदावार खूब होती है। हालांकि गोविंदगढ़ के सुंदरजा आम और कुठुलिया के आमों में थोड़ा रंग का फर्क जरूर होता है।
सुंदरजा आम की खासियत | Specialty of Sundaraja Mango
रीवा का सुंदरजा आम जहां देखने में खूबसूरत, अच्छी सुगंध वाला, मीठा स्वादिष्ट आम होता है। वहीं यह अपनी एक और खासियत के वजह से भी जाना जाता है। वह है इसमें शुगर की मात्रा बहुत कम होना। यह आम फाइबर रहित होता है, इसमें शुगर की मात्रा भी बहुत कम होती है, जिसके कारण मधुमेह के मरीज भी इसका उचित मात्रा में सेवन कर सकते हैं।
देश-विदेश में सुंदरजा आम की मांग | Demand for Sundaraja Mango
अपने विशिष्ट गुणों और अनूठे स्वाद की वजह से ही सुंदरजा आम की मांग देश भर में खूब मांग है, बल्कि विदेशों में भी इसकी मांग है। G. I. टैग मिल जाने के बाद अब इसे इंटरनैशनल बाजार में बेचना और भी आसान होगा।
मिल चुका है जी. आई. टैग | Sundaraja mango gets GI tag
पिछले साल ही जुलाई 2024 को दिल्ली में आयोजित PUSA इंस्टिट्यूट के फ्रूट फेस्टिवल में, रीवा के इस खूबसूरत और स्वादिष्ट सुंदरजा आम को G. I. टैग टैग भी प्राप्त हो चुका है। 26 मार्च 2023 को केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने इसकी जानकारी दी थी। G. I. टैग मिलने के बाद इसका महत्व और भी ज्यादा बढ़ गया है।
एक जिला एक उत्पाद में भी शामिल | Sundarja Mango is also included in one district one product
बता दें सुंदरजा एक जिला एक उत्पाद में भी शामिल है। मात्र रीवा जिले में पाया जाने वाला यह आम अपनी सुगंध और स्वाद के कारण अनूठा माना जाता है, जिसके बाद केंद्र सरकार ने इसे एक जिला एक उत्पाद में भी शामिल किया। साल 1972 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने इस आम पर 50 पैसे की टिकट भी जारी की थी।
इसके संवर्धन के लिए करने होंगे प्रयास | Efforts will have to be made to promote Sundaraja Mango
सुंदरजा आम अभी केवल रीवा जिले के गोविंदगढ़ और कुठुलिया के बगीचों में ही तैयार होते हैं। जरूरत है इनके उत्पादन के क्षेत्र विस्तार की। जिसके कारण इसका ज्यादा से ज्यादा उत्पादन किया जा सके और इसका फायदा क्षेत्रीय किसानों और फल उत्पादकों के लिए लाभ का धंधा बन जाए। इसके अलावा इसके और भी ज्यादा मार्केटिंग के भी प्रयास करने होंगे।