सुखविंदर सिंह। कुछ गानों में एक ऐसी कशिश है कि दिल सुनते ही उसे गुनगुनाने लगता है अलग सा जोश है जो हमें सुर में सुर मिलाने को कहता है यहां पर आपकी मोटी पतली आवाज़ नहीं मायने रखती बस वो जज़्बात मायने रखते हैं जो गीतों के बोलों में ढले हैं ,जैसे :- छैंया छैंया,दिल हारा रे, लाई वी न गई ,मैं रमता जोगी ,बिस्मिल बिस्मिल ,गल्ला गोरिया ,कमबख्त इश्क़ है जो ,हौले हौले हो जायेगा ,इन गानों को गाने वाले सुखविंदर सिंह जब इस सफर पर निकले थे तब उनके पास सिर्फ ये दिलनशीन जोशीली आवाज़ थी साथ ही सुरों का ज्ञान जो उन्हें बीएस नारंग ने दिया था जिसे लेकर वो पंजाब से मुंबई आए और सबसे पहले टी. सिंह के साथ मुंडा साउथहॉल दा नाम का एक पंजाबी एल्बम बनाया और लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल की मंडली में शामिल हुए , फिर काम की तलाश करते हुए संगीत अरेंजर बन गए इसके बाद तमिल फिल्म रत्चगन के लिए गाया।
आपको बॉलीवुड में ब्रेक फिल्म खिलाफ़ के गाने “आजा सनम” से मिला और फिर दिल से फिल्म का गीत छैंया छैंया गाने का मौका मिला। जिसे सुनकर लोगों का दिल झूम उठा और फिर सुखविंदर सिंह जी ने हमें एक से बढ़कर एक दिलकश नग़्में दिए ,कभी लिख कर कभी संगीत में पिरोकर और कभी गाकर ।
बचपन से ही लोकगीतों की झंकार ने मोह लिया
18 जुलाई 1971 को अमृतसर, पंजाब में भट्टी परिवार में जन्में सुखविंदर सिंह को बचपन से ही संगीत ने यूं आकर्षित किया कि वो पंजाबी लोकगीतों से जुड़ गए, उनका नाम सुर्खियों में पहली बार एआर रहमान के लिए फिल्म दिल से… में ” छैंय्या छैंय्या ” गाने से ही आया , जिसके लिए उन्हें फिल्मफेयर पुरस्कार मिला ये गाना जितना उस वक्त पसंद किया गया उतना आज भी पसंद किया जाता है,यूं तो उन्हें तड़कते भड़कते जोशीले गीतों को गाने में महारथ हासिल है पर वो पंजाबी के मस्ती भरे गीत ही नहीं, तेलगु ,तमिल ,कन्नड़ ,मराठी ,उर्दू में भी हर तरह के गीत गाते हैं, जून 2014 में, उन्होंने झलक दिखला जा के सातवें सीज़न में भाग लिया। उन्होंने प्रेम आनंद द्वारा रचित 2023 पुरुष एफआईएच हॉकी विश्व कप का गान, जय हो हिंदुस्तान की गाया । जिसने हम सब में जोश भर दिया ।
सम्मानों का सिलसिला
फिल्म रब ने बना दी जोड़ी के गाने “हौले हौले” के लिए उन्होंने फिल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ पुरुष पार्श्वगायक पुरस्कार जीता।
सुखविंदर सिंह के गीत ” जय हो ” ने सर्वश्रेष्ठ मूल गीत के लिए अकादमी पुरस्कार जीता और इसी गीत ने 2010 में विज़ुअल मीडिया के लिए लिखे गए सर्वश्रेष्ठ गीत के लिए ग्रैमी पुरस्कार भी जीता। उन्हें विशाल भारद्वाज द्वारा रचित 2014 की फिल्म हैदर में उनके गायन के लिए 62 वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार में सर्वश्रेष्ठ पुरुष पार्श्वगायक के राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से सम्मानित किया गया ।
बतौर गीतकार उनका एक गीत बड़ा ही यादगार है फिल्म तक्षक से आशा भोसले की आवाज़ में मुझे रंग दे , शाहरुख खान के लिए उन्होंने कई हिट गाने गाए या शायद वो गाने हिट हुए क्योंकि उनकी आवाज़ शाहरुख खान पर ज़्यादा जचती है,जैसे , छैंया छैंया,हौले हौले हो जाएगा ,कुछ करिए , दर्द ए डिस्को,मरजानी ,उड़ी उड़ी जाय ,पर उनकी आवाज़ में वो माद्दा है कि किसी भी किरदार या नायक के लिए गाए, गाने में जान आ जाती है ,आज के दिन की उनके लिए हमारी यही दुआ है कि उनका ये दमदार आवाज़ का जादू बरक़रार रहे और वो यूं ही हमें दिलकश नग़्में देते रहें ।