sucheta kriplaani to Rekha gupta women chief ministers of india: कल शाम हुई बैठक के बाद दिल्ली बीजेपी विधायक दल ने शालीमारबाग से विधायक रेखा गुप्ता को अपना नेता चुना, जिसके बाद रेखा गुप्ता ने उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश किया, और इसके बाद रेखा गुप्ता ने दिल्ली की 9वीं मुख्यमंत्री के तौर पर रामलीला मैदान में शपथ ली, उनके साथ 6 कैबिनेट मंत्रियों ने भी शपथ ली, इसके साथ ही वह दिल्ली की चौथी महिला मुख्यमंत्री बन गईं और भारतीय गणराज्य की 18 वीं महिला बन गईं जिसने मुख्यमंत्री के पद और गोपनीयता की शपथ ली। आईए जानते हैं, देश में अब तक कुल कितनी महिला मुख्यमंत्री रहीं हैं-
सुचेता कृपलानी से लेकर रेखा गुप्ता तक भारत में महिला मुख्यमंत्री
रेखा गुप्ता से पहले देश में 17 महिलायें विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ले चुकी हैं। भारत में पहली महिला मुख्यमंत्री सुचेता कृपलानी थीं, जो 2 अक्टूबर 1963 से लेकर 13 मार्च 1967 तक उत्तरप्रदेश की मुख्यमंत्री रहीं, उनका कार्यकाल लगभग साढ़े तीन साल का था। देश में किसी राज्य की मुख्यमंत्री बनने वाली महिला नंदिनी सत्यपथी थीं 14जून 1972 से 16दिसंबर 1976 तक ओड़िशा की मुख्यमंत्री रहीं, यह दोनों महिलाएं कांग्रेस से मुख्यमंत्री बनी थीं।
कांग्रेस से इतर किसी दल से बनने वाली पहली महिला मुख्यमंत्री थीं शशिकला काकोदर, जो महाराष्ट्र गोमांतक पार्टी की नेता थीं, वह 12 अगस्त 1973 को केंद्रशासित प्रदेश गोवा और दमन दीव की मुख्यमंत्री बनीं 27 अप्रैल 1979 तक इस पद पर रहीं, हालांकि वह लगभग साढ़े पाँच साल तक मुख्यमंत्री रहीं, लेकिन वह एक कार्यकाल में नहीं, बल्कि दो बार के कार्यकाल को मिलाकर पाँच साल मुख्यमंत्री रहीं।
भारत में बनीं चौथी महिला मुख्यमंत्री सैयद अनवरा तैमूर थीं जो कांग्रेस पार्टी की नेता थीं और 6 दिसंबर 1980 से लेकर 30 जून 1981 तक असम की मुख्यमंत्री रहीं, यह भारत की पहली मुस्लिम महिला थीं जो किसी राज्य में मुख्यमंत्री बनीं।
जानकी रामचंद्रन 7 जनवरी 1988 को तमिलनाडु की मुख्यमंत्री बनीं, अपने पति एम. जी. रामचंद्रन के निधन के बाद वह एआईडीएमके की नेता चुनी गईं और तमिलनाडु की मुख्यमंत्री बनीं, भारत की वह पाँचवी महिला थीं, जो इस पद पर पहुंचीं, हालांकि पार्टी में मतभेदों के चलते जानकी रामचंद्रन विधानसभा में विश्वास मत हासिल नहीं कर सकीं, जिसके बाद उन्होंने 30 जनवरी 1988 को अपने पद से इस्तीफा दे दिया और उनकी सरकार महज 23 दिन ही चल पाईं, इसके साथ ही वह अब तक के इतिहास में सबसे कम समय तक मुख्यमंत्री रहने वाली महिला बन गईं, इसके अलावा मुख्यमंत्री बनते समय जानकी रामचंद्रन किसी भी सीट से विधायक भी नहीं थीं।
भारत की 6 वीं महिला मुख्यमंत्री तमिलनाडु से ही एस. जयललिता बनीं, पहले फिल्म अभिनेत्री रहीं जयललिता, जानकी रामचंद्रन से मतभेदों के चलते अपने समर्थक 40 विधायकों को लेकर अलग हो गईं थीं, 1991 में हुए तमिलनाडु चुनाव में क्षेत्रीय क्षत्रप बनकर उभरीं और राज्य की मुख्यमंत्री बनीं, वह पहली महिला थीं जिन्होंने अपना पांच साल मुख्यमंत्री का कार्यकाल पूरा किया था, आज तक में मुख्यमंत्री के पद के लिए सबसे ज्यादा पांच बार शपथ लेने का रिकार्ड भी उनके नाम है, अपने पाँच बार के कार्यकाल में वह लगभग साढ़े चौदह साल मुख्यमंत्री रहीं, इसके साथ ही वह पहली बार किसी राज्य में दूसरी महिला मुख्यमंत्री थीं।
उत्तरप्रदेश की मुख्यमंत्री बनीं बहुजन समाज पार्टी की नेता मायावती, सुचेता कृपलानी के बाद राज्य की दूसरी महिला मुख्यमंत्री और देश में किसी राज्य की बनीं सातवीं महिला मुख्यमंत्री थीं, इसके साथ ही वह मुख्यमंत्री बनने वाली देश की पहली दलित महिला भी थीं, वह चार बार उत्तरप्रदेश की मुख्यमंत्री बनीं और सभी कार्यकालों को मिलाकर लगभग 7 साल देश के सबसे बड़े राज्य की मुख्यमंत्री रहीं।
कांग्रेस पार्टी से पंजाब की मुख्यमंत्री बनीं राजिंदर कौर भट्टल लगभग 83 दिन तक पंजाब की मुख्यमंत्री रहीं, वह 21 नवंबर 1996 से 11 फरवरी 1997 तक पंजाब की मुख्यमंत्री रहीं, भारत की वह आठवीं महिला मुख्यमंत्री थीं।
25 जुलाई 1997 को बिहार की मुख्यमंत्री बनीं राबड़ी देवी कुल तीन बार बिहार की मुख्यमंत्री बनीं, पहली बार वह तब मुख्यमंत्री बनीं जब भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद उनके पति लालू प्रसाद यादव ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। अपनी पत्नी को मुख्यमंत्री बनाने के फैसले के बाद उनके कई आलोचकों ने उनकी बहुत आलोचना की, अपने तीन कार्यकाल में वह कुल साढ़े सात साल मुख्यमंत्री रहीं, और तीसरा कार्यकाल उन्होंने पूरा भी किया। राबड़ी देवी देश में किसी भी राज्य की मुख्यमंत्री बनी नौवीं महिला थीं।
देश की राजधानी दिल्ली में पहला विधानसभा चुनाव 1993 में हुआ, जिसके बाद बीजेपी को बहुमत मिला और मदनलाल खुराना मुख्यमंत्री बने, उनके बाद साहिब सिंह वर्मा मुख्यमंत्री बने, और चुनाव से ठीक दो महीने पहले सुषमा स्वराज को दिल्ली की मुख्यमंत्री बनाया गया, 12 अक्टूबर 1998 को दिल्ली की मुख्यमंत्री बनीं सुषमा स्वराज 3 दिसंबर 1998 को लगभग 52 दिनों तक मुख्यमंत्री रहे, सुषमा स्वराज किसी भी भारतीय राज्य की बनीं 10 वीं महिला मुख्यमंत्री थीं। इसके अलावा बीजेपी से बनी वह पहली मुख्यमंत्री थीं।
देश की 11 वीं महिला मुख्यमंत्री भी दिल्ली में कांग्रेस की शीला दीक्षित बनीं, सुषमा स्वराज के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार को हराकर शीला दीक्षित दिल्ली की मुख्यमंत्री बनी थीं, वह लगातार तीन बार दिल्ली की मुख्यमंत्री बनीं और अपने तीनों कार्यकाल पूरे किए, किसी भी महिला द्वारा लगातार तीनबार मुख्यमंत्री बनना और तीनों कार्यकाल पूरे करने वाली देश में वह पहली महिला थीं।
2003 भारत के इतिहास में महत्वपूर्ण रहा जब देश में चार महिला मुख्यमंत्री थीं, मध्यप्रदेश में उमाभारती और राजस्थान में वसुंधरा राजे ने एक ही दिन 8 दिसंबर को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली, इस तरह यह देश में किसी भी राज्य की क्रमशः 12 वीं और 13 वीं मुख्यमंत्री थीं, और दोनों ही बीजेपी नेता थीं, यह दोनों जब अपने अपने राज्यों में मुख्यमंत्री थीं, तब दिल्ली में शीला दीक्षित और तमिलनाडु में एस. जयललिता भी मुख्यमंत्री थीं। हालांकि सुषमा स्वराज महज नौ महीने ही मध्यप्रदेश की मुख्यमंत्री रहीं, पर वसुंधरा राजे 2003 और 2013 में दो बार राजस्थान की मुख्यमंत्री बनीं और दोनों कार्यकाल पूरे किए।
लगातार 34 वर्षों से शासन कर पश्चिम बंगाल की मार्क्सवादी सरकार को सत्ता से हटाकर तृणमूल कांग्रेस की नेता ममता बनर्जी 2011 में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री बनीं, और वह लगातार तीन बार चुनाव जीतकर अभी भी पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री बनी हुई हैं, और एक समय में भारत की एकलौती महिला मुख्यमंत्री थीं, भारत में वह 14 वीं महिला हैं जो मुख्यमंत्री बनीं।
2014 के आम चुनावों के बाद बीजेपी ने भारी जीत दर्ज की और नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री बने थे, प्रधानमंत्री बनने से पहले वह गुजरात के मुख्यमंत्री थे, उनके प्रधानमंत्री बनने के बाद उन्हीं की सरकार की कैबिनेट मंत्री आनंदीबेन पटेल गुजरात की मुख्यमंत्री बनीं, वह 22 मई 2014 से लेकर 7 अगस्त 2016 तक गुजरात की मुख्यमंत्री रहीं, और भारत में 15 वीं महिला मुख्यमंत्री थीं, अभी वर्तमान में आनंदीबेन पटेल उत्तरप्रदेश की राज्यपाल हैं।
देश में अब तक कुल 18 महिला मुख्यमंत्री
4 अप्रैल 2016 को महबूबा मुफ्ती जम्मू-कश्मीर की पहली महिला मुख्यमंत्री बनीं, बीजेपी-पीडीपी गठबंधन के तहत वह राज्य की मुख्यमंत्री बनीं, और आगे बीजेपी से मतभेदों के चलते 18 जून 2018 को उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया, भारत में वह दूसरी मुस्लिम महिला थीं, जो किसी भी राज्य की मुख्यमंत्री बनीं, वह भारत में बनी 16 वीं महिला मुख्यमंत्री थीं। उनके मुख्यमंत्री बनने के समय देश में महिला मुख्यमंत्रियों की संख्या कुल पांच हो गई, उनके अलावा तमिलनाडु में जयललिता, पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी, गुजरात में आनंदीबेन और राजस्थान में वसुंधरा राजे मुख्यमंत्री थीं, भारत में एक ही समय एक साथ पांच राज्यों में महिला मुख्यमंत्री होने का यह रिकार्ड है।
दिल्ली के निवर्तमान मुख्यमंत्री आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल के शराब घोटाले में जेल जाने के बाद, उनकी कैबिनेट में सहयोगी आतिशी मार्लेना दिल्ली की मुख्यमंत्री बनीं, 21 अक्टूबर 2024 को वह दिल्ली की मुख्यमंत्री बनीं और 20 फरवरी 2025 तक रहीं, दिल्ली की मुख्यमंत्री बनने वाली वह तीसरी महिला हैं, वह देश में मुख्यमंत्री बनने वाली 17 वीं महिला थीं, 2025 दिल्ली के विधानसभा चुनावों में उनकी पार्टी की हार हुई और बीजेपी को बहुमत मिला, जिसके बाद रेखा गुप्ता ने दिल्ली की मुख्यमंत्री के पद और गोपनीयता की शपथ ली, मुख्यमंत्री बनने वाली वह देश की 18 वीं महिला हैं, उनके मुख्यमंत्री बनने के साथ ही दिल्ली में अब तक सबसे ज्यादा चार बार महिला मुख्यमंत्री बनने का रिकार्ड बन गया।