MP New EV Policy 2025: जनता पर EV थोपना चाहती है एमपी सरकार?

MP New EV Policy 2025: राज्य में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स को बढ़ावा मिले, इसके उपयोगकर्ता और खरीदार बढ़ें इसी लिए मध्य प्रदेश सरकार नई EV पॉलिसी लेकर आ रही है. नगरीय विकास एवं आवास विभाग द्वारा डेढ़ साल साल से इसे तैयार किया जा रहा था और अब फाइनली MP EV पॉलिसी 2025 को इसी महीने के अंत तक पेश कर दिया जाएगा। इस पॉलिसी से जुड़े कुछ नियम और कुछ बेनिफिट्स के बारे में जानकारी बाहर आई है जिसे देखकर ये तो लगता है कि एमपी सरकार EV को प्रमोट करना चाहती है मगर ऐसा भी लगता है कि राज्य सरकार जनता पर EV थोपना भी चाहती है या यूं कहें कि EV खरीदने के लिए मजबूर करना चाहती है.

ऐसा लगता है EV खरीदने को मजबूर करेगी एमपी सरकार

एमपी इलेक्ट्रिकल व्हीकल पॉलिसी 2025 के ड्राफ्ट के अनुसार राज्य में EV खरीदने वालों को डाइरेक्ट बेनिफिट तो दिया जा रहा है, लेकिन जो EV की जगह पेट्रोल या डीजल गाड़ी लेना चाहते हैं उनपर बढ़ा हुआ रोड टैक्स और सेस लगाने का भी नियम लाया जा रहा है. सवाल ये है कि सरकार EV को प्रमोट करने के साथ साथ क्या फॉसिल फ्यूल से चलने वाले वाहनों की बिक्री को डिमोट भी करना चाहती है क्या ? खैर पहले अपन उन बेनिफिट्स को जान लेते हैं जो EV खरीदने पर आपको मिल सकते हैं.

मध्य प्रदेश में इलेक्ट्रिक व्हीकल खरीदने पर सब्सिडी

Subsidy on purchasing electric vehicle in Madhya Pradesh: एमपी EV पॉलिसी के तहत, अगर आप कोई EV खरीदते हैं तो सालभर तक पार्किंग फीस में छूट मिलेगी। इसके अलावा EV खरीदने पर सब्सिडी भी मिलेगी जिसे आप एमपी EV पोर्टल में जाकर क्लेम कर सकेंगे।

  • Subsidy on EV Car In MP: ड्राफ्ट के अनुसार, बिल आने के बाद से खरीदी गई 10 हजार EV कार्स पर 50 हजार तक की सब्सिडी मिलेगी,
  • Subsidy on EV Bus In MP:पहली 100 EV बस खरीदने वालों को 10 लाख रुपए तक की सब्सिडी मिलेगी
  • Subsidy on EV Cycle In MP: पहली 30 हजार इलेक्ट्रिक साइकल लेने पर 5 हजार
  • Subsidy on EV Scooter In MP: पहले एक लाख EV टू व्हीलर लेने पर 10 हजार रुपए की सब्सिडी मिलेगी।
  • EV खरीदने वालों की सुविधा के लिए मध्य प्रदेश EV प्रमोशन बोर्ड और तरंग पोर्टल भी बनाया जाएगा।

एमपी में 5 EV शहर बनेंगे

5 EV Cities In MP : राज्य सरकार ये पॉलिसी अगले 5 सालों के लिए लेकर आ रही है जिसमे 5 शहरों, इंदौर, भोपाल, उज्जैन, ग्वालियर और जबलपुर को EV सिटी के रूप में विकसित किया जाएगा, यानी यहां EV चार्जिंग स्टेशन बनाए जाएंगे। इसके अलावा अगले 5 सालों में सभी सरकारी विभागों की गाड़ियों यहां तक की एम्ब्युलेंस को भी EV में बदल दिया जाएगा।

सरकार चाहती है कि अगले 5 साल में, एमपी में टू व्हीलर EV की हिस्सेदारी 40 %, थ्री व्हीलर की 70 % , EV कार की 15 % और बसों की 40 % हिस्सेदारी कर दी जाए. इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए सरकार सिर्फ EV को प्रमोट नहीं कर रही बल्कि पेट्रोल-डीजल गाड़ियों को डिमोट भी कर रही है.

मध्य प्रदेश इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी 2025

Electric Vehicle Policy 2025 Madhya Pradesh: EV पॉलिसी ड्राफ्ट में जितनी सब्सिडी देने की बात कही गई है, उससे दुगुना और तीन गुना बाकि राज्यों की सरकार देती है, गुजरात में टू व्हीलर EV लेने पर 20 हजार और 4 व्हिलकर लेने पर डेढ़ लाख, इसी तरह महाराष्ट्र में 2 व्हीलर EV खरीदने पर 25 हजार और 4 व्हीलर पर ढाई लाख. जबकि एमपी की EV पॉलिसी में क्रमशः 10 हजार और मात्र 50 हजार। इस हिसाब से गुजरात और महाराष्ट्र की सरकारें ज्यादा बेहतर तरीके से EV को प्रमोट कर रही हैं.

डीजल वहनों पर सेस और रोड टैक्स

लेकिन EV को बढ़ावा देने के लिए डीजल से चलने वाली बसों और ट्रकों के ईंधन पर सेस लगाया जाएगा, अब ऐसा तो नहीं है कि बस और ट्रक के लिए अलग से डीजल आता है, तो जाहिर है डीजल पर ही सेस बढ़ा दिया जाएगा, पता चला है कि नई ईवी पॉलिसी आने के बाद डीजल से चलने वाले वाहनों पर 10 पैसे लीडर प्रदूषण सेस बढ़ा दिया जाएगा, जबकि मध्य प्रदेश देश का ऐसा राज्य है जो पेट्रोल डीजल में सबसे ज्यादा 1 % सेस, 19 % वैट और डेढ़ रुपए पर लीटर अलग से टैक्स लेता है. इसके अलावा नई पॉलिसी के तहत अगर आप 25 लाख रुपए से ज्यादा कीमत वाली पेट्रोल डीजल कार खरीदते हैं तो ऐसी कारों का रोड टैक्स भी ज्यादा लगेगा, जबकि मध्य प्रदेश सरकार 20 लाख से ज्यादा कीमत वाली गाड़ियों पर पहले ही 16 फीसदी रोड टैक्स लेती है जो कर्नाटक और केरल के बाद सबसे ज्यादा रोड टैक्स है. एमपी देश का ऐसा तीसरा राज्य है जहां पेट्रोल डीजल, बाकी 27 राज्यों से महंगा है. इसके बाद भी सरकार ये कहकर सेस और रोड टैक्स बढ़ाने की बात कर रही है कि वो EV प्रमोट करना चाहती है!

ये चोचला सिर्फ भारत में

देखा जाए तो अमेरिका में भी EV को प्रमोट करने के लिए वहां की सरकार सब्सिडी देती है, चाइना भी देता है, लेकिन इन देशों ने EV को बढ़ावा देने के लिए पेट्रोल-डीजल महंगा नहीं कर दिया, TAX नहीं थोपा। एक जरूरी बात ये भी है कि आपने EV खरीदी, लेकिन चार्ज तो बिजली से करना है और मध्य प्रदेश सरकार देश में महाराष्ट्र के बाद सबसे महंगी बिजली उपलब्ध कराती है. सवाल ये है कि EV इलेक्ट्रिसिटी रेट कम करने से प्रमोट होगी या डीजल महंगा करने से?

चार्जिंग स्टेशन नाम मात्र के

एक बात और भी है, एमपी में EV चार्ज करने के लिए गिनती भर के चार्जिंग स्टेशन हैं. वो भी चुनिंदा शहरों में, भोपाल में 18 हैं, इंदौर में 26, जबलपुर में 11, ग्वालियर में 10, और उज्जैन में 12, छोटे शहरों में भी एक्का दुक्का EV चार्जिंग स्टेशन हैं. NBT की रिपोर्ट कहती है कि एमपी में एक लाख EV कार्स पर 10 चार्जिंग स्टेशन हैं. खैर सरकार 5 शहरों को तो EV सिटी बना ही रही है. जहां EV स्टेशन डेवलप होंगे। वैसे आपको क्या लगता है? EV पॉलिसी लागू करके सरकार इसे प्रमोट कर रही या जनता पर थोप रही है ? क्योंकी एमपी में बाकि राज्यों की तुलना में ज्यादा रोड टैक्स, ज्यादा महंगा पेट्रोल – डीजल, ज्यादा महंगी बिजली और EV पर सब्सिडी सबसे कम ? आप एमपी में लागू होने वाली नई EV पॉलिसी को लेकर क्या सोचते हैं हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं

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