Delhi JNUSU Election 2025: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में छात्र संघ चुनाव से पहले अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) ने सोमवार (21 अप्रैल) देर रात भव्य मशाल जुलूस निकाला। इस जुलूस में विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों के सैकड़ों छात्र शामिल हुए। मशाल जुलूस जेएनयू के प्रसिद्ध गंगा ढाबा से शुरू होकर चंद्रभागा छात्रावास पहुंचा। इस कार्यक्रम का नेतृत्व एबीवीपी से छात्र संघ चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों ने किया। इस जुलूस में अध्यक्ष पद की प्रत्याशी शिखा स्वराज, उपाध्यक्ष पद की प्रत्याशी निट्टू गौतम, सचिव पद के प्रत्याशी कुणाल राय और संयुक्त सचिव पद के प्रत्याशी वैभव मीना समेत बड़ी संख्या में छात्र शामिल हुए।
इस बार दो हज़ार से अधिक वोट से जीतने का लक्ष्य- शिखा स्वराज
मीडिया से खास बातचीत में अध्यक्ष पद की प्रत्याशी शिखा स्वराज ने दावा किया कि पिछले चुनाव में एबीवीपी महज 200 वोटों से हारी थी, जबकि इस बार उनका लक्ष्य 2400 वोट हासिल करना है। उन्होंने कहा, “छात्र किसी संगठन को हराने के लिए नहीं, बल्कि उनके काम को देखकर वोट करेंगे।” चुनाव खर्च पर उठ रहे सवालों पर सफाई देते हुए उन्होंने कहा, ‘अगर एबीवीपी के पास पैसा होता तो हम भी बड़े-बड़े होर्डिंग लगाते। दरअसल, हमने पोस्टर सीमित मात्रा में लगाए हैं।’
मशाल जुलूस में गूंजे राष्ट्रवादी नारे | Delhi JNUSU Election 2025
आपको बता दें मशाल जुलूस के दौरान पूरा JNU Campus भारत माता की जय के नारों से गुंजायमान हुआ। छात्रों के हाथों में जलती हुई मशालें थीं और उनका उत्साह देखने लायक था। यह जुलूस सिर्फ चुनावी कार्यक्रम नहीं था, बल्कि राष्ट्रवाद के संदेश और जेएनयू में एबीवीपी के बढ़ते प्रभाव को प्रदर्शित करने का माध्यम भी था। जैसे-जैसे चुनाव की तारीख नजदीक आ रही है, कैंपस में चुनावी माहौल और भी गर्म होता जा रहा है। एबीवीपी का यह मशाल जुलूस न सिर्फ शक्ति प्रदर्शन था, बल्कि इसने यह भी संकेत दिया कि इस बार छात्र संघ चुनाव में मुकाबला काफी दिलचस्प और कड़ा होने वाला है।
एबीवीपी बनी छात्रों की पहली पसंद- राजेश्वर कांत दुबे
एबीवीपी जेएनयू इकाई के अध्यक्ष राजेश्वर कांत दुबे ने मीडिया से बातचीत में कहा, “आज के मशाल जुलूस ने साबित कर दिया कि जेएनयू में राष्ट्रवादी विचारधारा के प्रति छात्रों का समर्थन लगातार बढ़ रहा है। यह मार्च बताता है कि इस बार वामपंथी संगठनों का प्रभाव कमजोर होगा और एबीवीपी चारों सीटों पर जीत की ओर बढ़ रही है। उन्होंने आगे कहा, “मशाल जुलूस में उमड़ी छात्रों की भारी भीड़ बताती है कि एबीवीपी अब सिर्फ एक संगठन नहीं रह गया है, बल्कि जेएनयू में छात्रों की पहली पसंद बन गया है। छात्र मुद्दों को लेकर एबीवीपी की लगातार सक्रियता, राष्ट्रवाद की भावना और संगठन की विश्वसनीयता इस जनसमर्थन के पीछे मुख्य कारण हैं।”