BPSC Protest: BPSC के खिलाफ प्रदर्शन में छात्र और प्रशासन आमने सामने! प्रशान्त किशोर की एंट्री से गरमाया आंदोलन

BPSC Protest : बिहार में BPSC परीक्षा को फिर से आयोजित करने की मांग को लेकर छात्र अब मुख्यमंत्री आवास की ओर निकल पड़े हैं।आक्रोश मार्च का नेतृत्व जन सुराज प्रमुख प्रशांत किशोर कर रहे हैं। मुख्यमंत्री आवास के लिए रवाना होने से पहले ये छात्र गांधी मैदान में जुटे। जहां, छात्र संसद बुलाई गई। छात्र संसद में मुख्यमंत्री आवास जाने का निर्णय लिया गया। BPSC के छात्र ऐसे समय में मुख्यमंत्री आवास जा रहे हैं, जब राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दिल्ली में हैं। वे दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के परिजनों से मिलने पहुंचे हैं। अब देखना यह है कि छात्र मुख्यमंत्री आवास तक पहुंच पाते हैं या नहीं। क्योंकि सीएम हाउस पर भी सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है।

पुलिस ने छात्रों को सीएम आवास जाने से रोका। BPSC Protest

इस वक्त पटना से सबसे बड़ी खबर यह आ रही है कि आक्रोश मार्च निकाल रहे छात्रों को पुलिस ने बीच में ही रोक दिया है। पुलिस का कहना है कि मुख्यमंत्री दिल्ली गए हैं। ऐसे में छात्रों को आगे बढ़ने की इजाजत नहीं दी गई है। हालांकि छात्र मुख्यमंत्री आवास की ओर बढ़ने पर अड़े हुए हैं। दूसरी ओर पुलिस ने बैरिकेडिंग के जरिए सुरक्षा घेरा बना दिया है, ताकि कोई भी छात्र सीएम आवास की ओर न बढ़ सके।

कल प्रशांत किशोर से मिले थे छात्र। BPSC Protest

आपको बता दें कि शनिवार को प्रशांत किशोर BPSC के छात्रों से मिलने पटना पहुंचे थे। सूत्रों की माने तो प्रशांत किशोर से मुलाकात के बाद छात्रों ने फिलहाल राजभवन मार्च को स्थगित कर दिया है। इसके बाद तय हुआ कि छात्रों की धर्म संसद गांधी में आयोजित की जाएगी जिसने प्रशांत किशोर का रहना होगा। लेकिन आज छात्रों में कार्यक्रम में बदलाव कर दिया है अब यह तय हुआ है कि छात्र मुख्यमंत्री आवास की ओर मार्च करेंगे।

छात्र धर्म संसद की प्रशासन ने नहीं दी मंजूरी। BPSC Protest

बता दें कि जन सुराज प्रमुख प्रशांत किशोर ने बीपीएससी अभ्यर्थियों से 29 दिसंबर को गांधी मैदान पहुंचने का आह्वान किया था। जिसके बाद जिला प्रशासन ने जन सुराज पार्टी के अध्यक्ष मनोज भारती को पत्र लिखकर कार्यक्रम की अनुमति देने से इनकार कर दिया था। पत्र में कहा गया था कि गांधी मैदान में किसी भी कार्यक्रम के लिए 45 दिन पहले आवेदन देना होता है। वहीं, गांधी मैदान में कश्मीरी ऊन मेला और डिज्नीलैंड मेला का आयोजन किया जा रहा है। इसलिए गांधी मैदान में जगह उपलब्ध नहीं है। ऐसे में यहां छात्र संसद की अनुमति नहीं दी जा सकती।

‘गांधी मैदान देश के सभी नागरिकों के लिए खुला है।

पीके ने आगे कहा कि गांधी मैदान एक सार्वजनिक स्थान है। यह देश के सभी नागरिकों के लिए खुला है, इसीलिए हम भी वहां जा रहे हैं। सरकार इस मुद्दे को अपनी प्रतिष्ठा का सवाल बना रही है और कहीं न कहीं खुद को नुकसान पहुंचा रही है। आगे पीके ने कहा कि बच्चों के पास कोई सरकारी बंगला नहीं है, इसलिए उन्होंने गांधी मैदान को चुना है, क्योंकि यह एक सार्वजनिक स्थान है। बच्चे चाहते हैं कि मैं वहां आऊं, इसलिए मैं उनसे मिलने जा रहा हूं।

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