MP High Court News: कोर्ट ने प्रमुख सचिव को निर्देश दिए कि सभी नगर पालिकाओं और नगर परिषदों में इस आदेश का सख्ती से पालन सुनिश्चित करें। किसी भी सार्वजनिक स्थान पर नई प्रतिमाएं स्थापित नहीं की जाएंगी। सुनवाई के दौरान एडवोकेट मनीष यादव ने 2023 के जबलपुर हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का हवाला दिया।
MP High Court News: इंदौर हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच में सोमवार को सार्वजनिक स्थानों पर प्रतिमाएं लगाए जाने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। कोर्ट ने प्रमुख सचिव को निर्देश दिए कि सभी नगर पालिकाओं और नगर परिषदों में इस आदेश का सख्ती से पालन सुनिश्चित करें। किसी भी सार्वजनिक स्थान पर नई प्रतिमाएं स्थापित नहीं की जाएंगी।
दरअसल, जनवरी 2024 में उज्जैन के माकडोन में प्रतिमा स्थापना को लेकर विवाद हुआ था। पाटीदार समाज ने बिना अनुमति के सरदार वल्लभ भाई पटेल की प्रतिमा स्थापित की थी, जिसे अनुसूचित और भीम आर्मी के लोगों ने क्षतिग्रस्त कर दिया। उनका कहना था कि वे वहां डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा लगाएंगे। इस घटना के बाद 4-5 एफआईआर दर्ज हुईं। इसके बाद ब्राह्मण समाज ने परशुराम, गुर्जर समाज ने देवनारायण सहित विभिन्न समाजों ने अपनी-अपनी प्रतिमाओं के लिए नगर परिषद में आवेदन दिए। नगर परिषद ने सभी समाजों को आश्वासन देते हुए प्रक्रिया शुरू की थी। इसी के खिलाफ माकडोन निवासी किसान राजेश ने 2024 में जनहित याचिका दायर की थी।
2023 में जबलपुर हाईकोर्ट का आदेश
2023 में जबलपुर हाईकोर्ट की प्रिंसिपल बेंच ने एक अन्य जनहित याचिका में स्पष्ट किया था कि सार्वजनिक स्थानों पर नई प्रतिमाएं नहीं लगाई जाएंगी। पहले से स्थापित प्रतिमाओं को यथावत रहने दिया जाए, लेकिन नई प्रतिमाएं स्थापित करने की अनुमति नहीं होगी। कोर्ट ने कहा था कि इससे ट्रैफिक बाधित होता है और सामाजिक विवाद उत्पन्न होते हैं।
सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का उल्लेख
सुनवाई के दौरान एडवोकेट मनीष यादव ने 2023 के जबलपुर हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का हवाला दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि सार्वजनिक स्थानों पर महापुरुषों की प्रतिमाएं लगाना उचित नहीं है और गाइडलाइन का पालन होना चाहिए। हालांकि, नई सड़कों, पुलों और बगीचों में प्रतिमाएं लगाने की योजनाएं बन रही हैं, जो गाइडलाइन का उल्लंघन है।
शासन का पक्ष
शासन ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का पालन किया जा रहा है और अवैध निर्माण हटाए जा रहे हैं। लेकिन कोर्ट ने एडवोकेट यादव के तर्कों से सहमति जताते हुए प्रमुख सचिव, सभी संबंधित विभागों, नगर पालिकाओं और नगर परिषदों को निर्देश दिए कि हाईकोर्ट की गाइडलाइन का सख्ती से पालन करें। कोई नई प्रतिमा सार्वजनिक स्थानों पर नहीं लगाई जाएगी।
गाइडलाइन के प्रमुख बिंदु
- सार्वजनिक सड़कों, पार्कों या अन्य स्थानों पर मंदिर, मस्जिद, चर्च, गुरुद्वारा आदि के नाम पर कोई अनधिकृत निर्माण नहीं होगा।
- सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेश यह सुनिश्चित करें कि कोई नया अनधिकृत निर्माण न हो।
- पहले से मौजूद धार्मिक प्रकृति के अनधिकृत निर्माणों की मामला-दर-मामला समीक्षा की जाए और उचित कदम उठाए जाएं।
- अनधिकृत निर्माण हटाने, स्थानांतरित करने या नियमित करने की व्यापक नीति बनाई जाए।