देश में आवारा कुत्तों (Stray Dogs Population In India) की संख्या 1.53 करोड़ तक पहुंच गई है, जो जनता के लिए खतरा बन गया है और पशु कल्याण (Animal Welfare) व शहरी प्रबंधन के लिए एक गंभीर चुनौती पेश कर रहा है। हाल ही में सामने आए आधिकारिक आंकड़ों (Stray Dogs Official Statistics India) के अनुसार, यह संख्या चिंताजनक स्तर पर है, जिसके कारण कुत्तों के हमले (Dog Attacks India) और बीमारियों का प्रसार बढ़ रहा है।
हाल के एक सर्वेक्षण के मुताबिक, भारत में 1.53 करोड़ आवारा कुत्ते (Stray Dog Population India) हैं, जो शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में मौजूद हैं। इनमें से ज्यादातर कुत्ते सड़कों पर भटकते हैं और कचरे से भोजन प्राप्त करते हैं, जिससे रेबीज और अन्य बीमारियों का खतरा बढ़ गया है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह संख्या पिछले कुछ सालों में तेजी से बढ़ी है, क्योंकि प्रभावी नियंत्रण के उपाय नहीं हो पाए हैं।
रिपोर्ट में उल्लेख है कि शहरों में ठोस कचरे का अनियंत्रित ढेर इन कुत्तों को आकर्षित करता है, जिससे उनकी संख्या बढ़ रही है। पशु जन्म नियंत्रण नियम 2001 (Animal Birth Control Rules 2001) के तहत नसबंदी (Sterilization Of Stray Dogs) की सुविधाएं अपर्याप्त हैं, और नगर निगमों के पास संसाधन की कमी है। लोग इन कुत्तों को खिलाने (Feeding Stray Dogs) में रुचि लेते हैं, लेकिन उनकी देखभाल और नियंत्रण में योगदान नहीं देते, जैसा कि रिपोर्ट में बताया गया है।
आवारा कुत्तों से कैसे निपट सकते हैं
सरकार को नसबंदी केंद्रों की संख्या बढ़ानी होगी और निजी क्षेत्र के साथ साझेदारी करनी होगी, जैसा कि सुझाव दिया गया है।पशु कल्याण बोर्ड को सख्त नियम लागू करने चाहिए, जिसमें अवैध पालतू पशुओं को नियंत्रित करना शामिल हो। स्कूलों और समुदायों में लोगों को शिक्षित करना होगा कि कुत्तों को अनियंत्रित तरीके से न खिलाएं।शहरी निकायों को कचरे के निपटान पर ध्यान देना होगा ताकि इन कुत्तों का आकर्षण कम हो।