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Story Of The Delhi Files: दिल्ली फाइल्स फिल्म की कहानी

Story Of The Delhi Files Movie : 1946 में जब भारतीय स्वतंत्रता संग्राम चरम पर था, अंग्रेज देश छोड़ने की तैयारी कर रहे थे और 250 सालों से भारत की आज़ादी का जो सपना देखा गया था वो पूरा होने वाला था. 16 मई 1946 लप कैबिनेट मिशन द्वारा भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस और ऑल इंडिया मुस्लिम लीग के बीच यह तय हुआ कि एक भारतीय गणराज्य की स्थापना होगी। लेकिन मुस्लिम लीग के नेता मोहम्मद अली जिन्ना ने मुसलमानों के लिए अलग मुल्क की मांग रख दी। जुलाई 1946 में उसने तब के बॉम्बे में प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई और कहा अगर मुस्लिमों को पाकिस्तान नहीं दिया गया तो हम डायरेक्ट एक्शन डे (Direct Action Day) को अंजाम देंगे।

16 अगस्त 1946 से पहले तक किसी को मालूम नहीं था कि मुस्लिम लीग का डायरेक्ट एक्शन डे (What Is Direct Action Day) क्या है. तब के बंगाल में मुस्लिम लीग का शासन था और सत्ता में हसन शहीद सुहारवर्दी बैठा था जो डायरेक्ट एक्शन डे का ही इंतजार कर रहा था. जिन्ना ने ये एलान किया था कि 16 अगस्त के दिन डाइरेक्ट एक्शन डे होगा और ऐसा हुआ भी. 16 अगस्त की सुबह तक सब कुछ सामान्य था लेकिन दोपहर होते ही लाखों की संख्या में मुस्लिम लीग के समर्थक इकट्ठा हुए और हिन्दुओं के घर और दुकानों में तोड़फोड़ करने लगे. हिन्दू समझ ही नहीं पाए कि जो मुस्लिम लीग अबतक साथ मिलकर आज़ादी की लड़ाई लड़ रहा था वो भारत की नहीं पाकिस्तान की आज़ादी की लड़ाई थी।

कोलकाता नरसंहार की कहानी

Story Of The Great Kolkata Killing : 16 अगस्त के दिन सिर्फ तोड़फोड़ और आगजनी हुई, क्योंकी शाम तक कर्फ्यू लग गया था. लेकिन अगले दिन मुसलमानों ने हिन्दुओं के घर में घुसकर उन्हें मारना शुरू कर दिया, जहां सेना नहीं पहुंच सकी वहां हिन्दुओं का नरसंहार हुआ. रिपोर्ट्स कहती हैं कि 16 से 20 अगस्त तक इन 72 घंटों में 6000 हिन्दुओं को मार डाला गया, 2 लाख हिन्दू घायल हुए और एक लाख हिन्दू पलायन करने के लिए मजबूर हुए। लेकिन इस नरसंहार को प्रांतीय सरकार ने छिपा दिया, इस नरसंहार को दंगा करार दिया गया और मरने वालों की संख्या सिर्फ 750 बताई गई। लाशों को ट्रकों में भर भर कर ठिकाने लगाया गया.

A SAGA OF THE HINDUS OF EASTERN BANGAL किताब में लिखा है कि बंगाल में मुस्लिम लीग ने जगह जगह ‘काफ़िर तोदेर घोंगशेर आर देरी नई सार्बिक हत्याकांडो घोतबे’ के पोस्टर लगाए थे जिसका मतलब था काफिरो तुम्हारा अंत अब ज्यादा दूर नहीं है, अब हत्याकांड होगा। इस नरसंहार को द ग्रेट कोलकाता किलिंग के नाम से भी जाना जाता है।

बंगाल नरसंहार की कहानी है द दिल्ली फाइल्स

The Delhi Files Is Based On Which Event : ये सिर्फ 1946 की खुनी कहानी है जिसे दबाया गया, बंगाल में 1947 और 1971 में भी नरसंहार हुए और इन्ही नरसंहारों पर आधारित है विवेक रंजन अग्निहोत्री की नई फिल्म द दिल्ली फाइल्स। जो डायरेक्ट एक्शन दे, नोआखली नरसंहार और बंगाल में आज़ादी के पहले और बाद में हुए जेनोसाइड की दर्दभरी, अनसुनी, अनकही, दास्तान हैं.

द दिल्ली फाइल्स सच्ची घटना पर आधारित है ?

Is The Delhi Files Based On Real Incident: द कश्मीर फाइल्स के निर्देशक विवेक अग्निहोत्री की बंगाल जेनोसाइड पर आधारित फिल्म इसी साल 15 अगस्त के मौके पर रिलीज होने वाली है. इस फिल्म का टीजर रिलीज हुआ है जिसमे मिथुन चक्रवर्ती सिर्फ देश के संविधान की प्रस्तावना को दोहरा रहे हैं. इस फिल्म का पूरा नाम द दिल्ली फाइल्स द बंगाल चैप्टर है. यहां दिल्ली फाइल्स नाम इस लिए रखा गया क्योंकी भारत की नियति दिल्ली में लिखी गई है. बंगाल में हुई इन तमाम घटनाओं का असर दिल्ली में क्या पड़ा, ये भी फिल्म में दिखाया जाएगा। द दिल्ली फाइल्स का फैंस बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं क्योंकी द कश्मीर फाइल्स की छाप अभी भी लोगों के जेहन में है. द दिल्ली फाइल्स दो पार्ट में रिलीज होगी क्योंकी तीन घंटे में इतनी बड़ी घटना को दिखाना सम्भव नहीं है।

फिल्म की बात करें तो इसका निर्देशक विवेक अग्निहोत्री ने किया है जबकि उनके सहित पल्लवी जोशी और अभिषेक अग्रवाल फिल्म के प्रोड्यूसर हैं. इस फिल्म में मिथुन चक्रवर्ती के अलावा अनुपम खेर और पुनीत ईसार जैसे कलाकार हैं जो कश्मीर फाइल्स में भी थे. खैर ऐसी पूरी संभावना है कि फिल्म कश्मीर फाइल्स से भी ज्यादा कॉन्ट्रोवर्शियल होने वाली है. क्योंकी ये ऐसे टॉपिक पर बनी है जिसके बारे में कोई चर्चा करने की हिम्मत नहीं करता, लोग इन घटनाओं के बारे में जानते ही नहीं हैं लेकिन जब जानेंगे तो फिर वैसा ही माहौल बनेगा जैसा द कश्मीर फाइल्स के वक़्त बना था. वैसे इस फिल्म को लेकर आप क्या राय रखते हैं हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं

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