Story Of Ray-Ban: सन ग्लासेस बनाने वाली कंपनी रे-बैन की कहानी, जिसे बर्बाद होने से Tom Cruise ने बचा लिया 

story of ray ban Company

Ray-Ban सिर्फ Fighter Jet उड़ाने वाले Pilots के लिए Aviator चश्मे बनाती थी. लेकिन World War 2 के बाद यह Fashion Symbol बन गया और पूरी दुनिया में छा गया.

Story Of Ray.Ban Company: जब बात अच्छी क्वालिटी वाले बढ़िया ब्रांड के चश्मों की होती है तो जुबान में पहला नाम Ray-Ban का ही आता है. वही Ray-Ban जिसकी फर्स्ट कॉपी ओरिजिनल से ज्यादा बिकती है. जैसे एक समय में Royal Enfield की बाइक्स सिर्फ अमेरिकन आर्मी के लिए और Old Monk ब्रिगेडियर फौजियों के लिए बनाई जाती थी ठीक वैसे ही एक ज़माने में Ray-Ban के चश्मे फिर Fighter Jet उड़ाने वाले अमेरिकी पायलट्स के लिए बनाए जाते थे. लेकिन आज हर कोई Ray-Ban पहनता है भले ही वो उसकी फर्स्ट कॉपी ही क्यों ना हो, भौकाल मेंटेन रहता है.

Ray Ban की कहानी 

बात है 20वीं सदी की, तबतक अमेरिका और ब्रिटेन के एयर फ़ोर्स पायलट्स को माउन्ट एवेरेस्ट से भी ऊंचाई में जाकर विमान उड़ाने की परमिशन मिल गई थी. यह काफी रोमांचक था लेकिन पायलट्स को ऊंचाई में विमान उड़ाने के दौरान एक बड़ी मुश्किल का सामना करना पड़ता था. वो मुश्किल थी सूर्य की तेज चमक और धुप में नीले आसमान की चकचौंध। जब पायलट्स 30000 फ़ीट की ऊंचाई में विमान ले जाते, तो उन्हें तेज रौशनी के अलावा कुछ दिखाई ही नहीं देता था. 

तब पायलट्स ने लेदर हुड वाले काले चश्मे को पहनना शुरू किया, मगर उससे भी काम नहीं बना, लेदर की पट्टी से पायलट्स को खुजली होने लगती थी. तब पायलट्स को ऐसे चश्मे की जरूरत पड़ी जो उनकी आंखो को भी सुरक्षित रखे और उनकी स्किन को भी कोई नुकसान ना पहुंचाए।

वो कहते हैं ना, ‘आवश्यकता की अविष्कार की जननी है’ समझ लीजिये Ray-Ban का अविष्कार ऐसे ही हुआ.

Ray-Ban कंपनी कैसे शुरू हुई 

एयर फ़ोर्स पायलट्स की समस्या का समाधान खुद अमेरिकी वायुसेना के कर्नल मैक्रेडी (Colonel McCready) ने किया. वो विमान उड़ाने के दौरान आंखों में पढ़ने वाली सूर्य की रौशनी को रोकने के लिए कोई सोल्यूशन चाहते थे. कर्नल ने अपना आईडिया एक ऑप्टीशियन जॉन बॉश को बताया और जॉन बॉश ने अपने पार्टनर लॉम्ब के साथ 1929 में Ray-Ban नाम की कंपनी शुरू कर दी.

Ray-Ban का नाम कैसे पड़ा

Ray-Ban के पहले चश्मे के मॉडल को Aviator नाम दिया गया था, जिसका मतलब होता है हवाबाज़, और कंपनी को RAY-BAN इसी लिए नाम दिया गया क्योंकी यह सूर्य की Rays को आंखों के अंदर जाने से Ban करती थी. Ray-BAN यानी किरणों को रोकने वाला।

सिर्फ एयर फ़ोर्स पायलट्स के लिए बनाया जाता था Ray-Ban Aviator

पहले Ray-Ban ने जो Aviators बनाए उन्हें बतौर स्टाइल सिंबल नहीं बल्कि साइंटफिक सन ग्लासेस के तौर पर बेचना शुरू किया गया. इसका इस्तेमाल सिर्फ एयर फ़ोर्स पायलट्स करते थे. 1937 में कंपनी ने अपना पहला Anti Glare Aviator लॉन्च किया जो मेटल फ्रेम से बना था तभी से इन चश्मों की डिमांड बढ़ गई. 

जब अमेरिकी वायुसेना ने World War 2 में इन चश्मों को पहना तो यह पूरी दुनिया में पॉपुलर हो गया. अमेरिकी फ़ौज के जनरल डगलस मैकआर्थर ने भी इसे पहना और ऐसे ही सैनिकों के इसे पहनने से कंपनी एक ब्रांड में बदल गई. 

Tom Cruise ने Ray-Ban को डूबने से बचा लिया 

Ray-Ban पॉपुलर होने के बाद भी घाटे में था, क्योंकि अब मार्केट में और भी कंपनियां चश्मे बनाने लगी थीं, Ray-Ban Aviators की डिमांड कम होने लगी थी. कुछ समय बाद ये हालत हो गई कि इस कंपनी को बंद करने की नौबत आ गई. तब Hollywood एक्टर Tom Cruise ने इसे डूबने से बचा लिया था. 

1983 में टॉम क्रूज़ की फिल्म Risky Business रिलीज हुई, इस फिल्म के एक सीन में टॉम बाइक राइड करते हुए दिखे, जिसमे उन्होंने Ray-Ban का चश्मा पहना हुआ था. इस फिल्म की रिलीज के बाद Ray-Ban की सेल में 40% का उछाल आ गया. प्रोडक्शन 18 हजार यूनिट से 60 हजार पहुंच गया. इसके बाद टॉम ने अपनी अगली फिल्म Top Gun में भी यही चश्मा पहना और फिर से कंपनी की सेल अचानक से बढ़ गई. अब Ray-Ban दुनिया का सबसे पॉपुलर सन ग्लासेस का ब्रांड बन गया था.

फिर भी कंपनी बिक गई

1999 में Bausch & Lomb ने Ray-Ban को एक इटैलियन कंपनी Luxottica को 640 मिलियन डॉलर में बेंच दिया. अब इसी कंपनी के अंदर इटली, और चाइना में Ray-Ban के चश्मे बनते हैं और पूरी दुनिया में बिकते हैं. 

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