India’s First women judge death: सुप्रीम कोर्ट की पहली महिला जज फातिमा बीवी (Fathima beevi ) का निधन हो गया है. 96 साल की उम्र में उन्होंने केरल के एक निजी अस्पताल में अंतिम सांस ली. उनके निधन पर केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने शोक व्यक्त किया। उनका कहना था कि जज के साथ ही तमिलनाडु के राज्यपाल के तौर पर भी फातिमा जी ने अहम छाप छोड़ी है.
सुप्रीम कोर्ट की पहली महिला जज और तमिलनाडु की पूर्व राज्यपाल न्यायमूर्ति फातिमा बीवी का 23 नवंबर को सुबह निधन हो गया है. आधिकारिक सूत्रों के अनुसार केरल के एक प्राइवेट अस्पताल में उन्होंने 96 वर्ष की आयु में अंतिम सांस ली.
फातिमा बीवी की शिक्षा कैसे हुई?
फातिमा बीवी का जन्म 30 अप्रैल, 1927 को त्रावणकोर ( वर्तमान केरल राज्य ) पठानमथिट्टा में हुआ था. उनके पिता का नाम मीरा साहिब था. उनकी माता का नाम खडेजा बीवी था. फातिमा बीवी छह बहनों और दो भाइयों में सबसे बड़ी थीं। 1943 में कैथोलिकेट हाईस्कूल, पठानमथिट्टा से स्कूली शिक्षा पूरी की थी. वो अपनी हायर एजुकेशन के लिए त्रिवेंद्रम चली गईं. जहां उन्होंने 6 साल तक वहां रहकर पढ़ाई की. इसके बाद तिरुवनंतपुरम के यूनिवर्सिटी से बी.एस.सी. की और फिर उन्होंने गवर्नमेंट लॉ कॉलेज, तिरुवनंतपुरम से कानून की पढ़ाई की.
इसके बाद लॉ स्कूल में अपनी कक्षा में पांच छात्राओं में से एक थीं, जो बाद में सिर्फ तीन में रह गई थी. फातिमा बीवी ने साल 1950 में अपनी कानून की डिग्री ली. जिसके बाद उन्हे बार काउंसिल का स्वर्ण पदक भी मिला। ये उनकी पहली बड़ी उपलब्धि थी.
फातिमा बीवी का पहली महिला जज बनने तक का सफर
फातिमा बीवी ने 14 नवंबर 1950 को केरल में निचली न्यायपालिका में बतौर एक वकील अपने करियर की शुरूआत की. आठ साल तक वकालत करने के बाद फातिमा बीवी ने केरल के अधीनस्थ न्यायिक सेवाओं में मुंसिफ की नौकरी की थी. इसके बाद 1968-72 तक केरल के अधीनस्थ न्यायाधीश रहीं, 1972-74 तक वह मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट रहीं और 1974-80 तक फातिमा बीवी जिला और सत्र न्यायाधीश रहीं।
फातिमा बीवी 1980-83 तक आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण रहीं। वहीं 1983 में फातिमा बीवी केरल हाईकोर्ट की न्यायाधीश रहीं। 6 अक्टूबर 1986 को फातिमा बीवी केरल हाईकोर्ट से सेवानिवृत्त हुई थीं। इसके 6 माह बाद फातिमा भारत के सुप्रीम कोर्ट में नियुक्त होने वाली पहली महिला जस्टिस बनीं। साल 1992 में सुप्रीम कोर्ट से रिटायर हो गईं. 1993 में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के सदस्य और केरल पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया।
तमिलनाडु की राजयपाल भी रहीं फातिमा बीवी
25 जनवरी 1997 को फातिमा बीवी तमिलनाडु की राज्यपाल बनाई गई थीं. राज्यपाल बनने के बाद उन्होंने पूर्व पीएम राजीव गांधी हत्याकांड में चार दोषियों द्वारा दायर दया याचिकाओं को खारिज कर दिया था.