Bikanervala Founder Died: बीकानेरवाला कंपनी के फाउंडर लाला केदारनाथ अग्रवाल (Lala Kedarnath Agarwal Death) इस दुनिया से रुखसत हो गए.
Story Of Kedarnath Agarwal Bikanervala: ‘बीकानेरवाला’ ये नाम सुनते ही दिमाग में मिठाई और नमकीनों की इमेज दिखाई देने लगती है. लेकिन इस कंपनी की ऐसी छवि बनाने वाले ‘लाला केदारनाथ अग्रवाल’ (Lala Kedarnath Agarwal) अब सिर्फ तस्वीरों में नज़र आएंगे। Bikanervala कंपनी के फाउंडर Kedarnath Agarwal इस दुनिया से (Bikanervala Chairman Kedarnath Agarwal Death) 86 वर्ष की उम्र में रुखसत हो गए हैं. इसी के साथ एक युग का अंत भी हो गया है. काकाजी के नाम से प्रख्यात केदारनाथ अग्रवाल हमेशा याद रखे जाएंगे और उनके संघर्ष की दास्तान लोगों को हमेशा कुछ कर दिखाने के लिए प्रेरणा देती रहेगी।
बीकानेरवाला कंपनी के फाउंडर लाला केदारनाथ अग्रवाल की कहानी
Success Story Of Bikanervala Founder: राजस्थान के बीकानेर में जन्मे लाला केदारनाथ का परिवार 1905 से ही मिठाई बनाने के पेशे में था. बीकानेर में केदारनाथ अग्रवाल के पिता ‘बीकानेर मिठाई’ के नाम से दुकान संचालित करते थे. 1955 में केदारनाथ अपने बड़े भाई सत्यनारायण अग्रवाल के साथ राजस्थान से दिल्ली पहुचें। दोनों भाइयों ने मिलकर पुरानी दिल्ली की सड़कों में बाल्टी में रसगुल्ले और आलू भुजिया बेचना शुरू किया।
दोनों भाइयों की मेहनत रंग लाई. कमाई अच्छी होने लगी तो अग्रवाल भाइयों ने चांदनीचौक में एक छोटी सी दुकान खोल दी. पूरे दिल्ली में ‘बीकानेरवाला’ दुकान फेमस हो गई. दिल्ली की पब्लिक बीकानेरवाला की खास रेसपी ‘मूंगदाल का हलवा’ चखकर बावली हो गई. देखते ही देखते दुकान और कारोबार का दायरा बढ़ने लगा. दोनों भाइयों का परिवार भी बढ़ा मगर काकाजी के रहते हुए परिवार के किसी भी सदस्य ने व्यापर के बंटवारे की बात करने की जुर्रत नहीं की. सुनने में ये हैरान करने वाला जरूर है लेकिन बीकानेरवाला के परिवार के 130 से ज्यादा लोग एक ही कारोबार करते हैं.
कभी सड़कों में रसगुल्ले बेचने वाले लाला केदारनाथ अग्रवाल की कंपनी आज 1200 करोड़ रुपए का मार्केट कैप रखती है. बीकानेरवाला के भारत में 60 आउटलेट्स हैं और अमेरिका, UAE, नेपाल, न्यूजीलैंड और सिंगापुर जैसे देशों में ‘बीकानेरवाला’ के कई रेटोरेंट्स हैं.