पौराणिक कहानी | जब भगवान शिव को ही भस्म करने चला भस्मासुर

Story Of Bhasmasura In Hindi: भस्मासुर एक राक्षस था, जो अपनी शक्ति और अमरता प्राप्त करने की इच्छा रखता था। उसने भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए कठोर तपस्या की। प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उसे मनोवांछित वरदान दिया, वह जिस के सिर पर ही हाथ रखेगा वो भस्म हो जाएगा। वरदान पाकर भस्मासुर ने भगवान शिव को ही भस्म करना चाहा पर भगवान विष्णु ने मोहिनी अवतार धारण कर चतुराई से उसे ही भस्म कर दिया।

कौन था भस्मासुर

कथाओं के अनुसार पूर्वकाल में भस्मासुर एक शक्तिशाली राक्षस था, उसका जन्म भगवान शिव के शरीर में मलने वाले राख से हुआ था। इसीलिए वह भगवान शिव का असीम भक्त था। वह भगवान की खूब सेवा करता था और उसने उनकी कठोर तपस्या की। जिससे प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उसे वरदान मांगने के लिए कहा, तो भस्मासुर ने एक अनोखा और खतरनाक वरदान मांगा-“जिसके सिर पर मैं अपना हाथ रखूं, वह तुरंत ही भस्म हो जाए।” भक्त वत्सल भोले शिव शंकर ने उसकी भक्ति के कारण, उसे यह वरदान दे दिया।

हालांकि भस्मासुर की कथा पुराणों में नहीं मिलती, बल्कि यह लोककथाओं के माध्यम से आई और बहुत ही ज्यादा लोकप्रिय हो गई।

वरदान पाकर अहंकारी हो गया भस्मासुर

वरदान पाकर भस्मासुर विश्वभ्रमण पर निकला जहाँ उसकी असुरों से मुलाकात हुई, असुरों द्वारा बहकाने के कारण वह बहक गया। और भस्मासुर के मन में अहंकार और दुष्टता आ गई। उसने सोचा कि इस वरदान से वह सबसे शक्तिशाली बन गया है। जिसके कारण उसने अपनी शक्ति का दुरुपयोग शुरू कर दिया।

जब भगवान शिव को ही भस्म करने लगा भस्मासुर

भस्मासुर से सारा संसार डरने लगा, और उससे सब भागे-भागे फिरते। एक दिन वह कैलाश गया, जहाँ उसने शक्तिस्वरूप देवी पार्वती को देखा और उनपर मोहित हो गया। इसीलिए उसने भगवान शिव को ही भस्म करने की कोशिश की ताकि वह स्वयं सर्वशक्तिमान बन सके और देवी पार्वती को प्राप्त कर सके। इसी उद्देश्य से वह भगवान शिव के पीछे दौड़ा और अपने हाथ से उनके सिर को छूने की कोशिश करने लगा। उससे बचने के लिए भगवान शिव भागने लगे और वह उनके पीछे पकड़ने के लिए दौड़ा।

भगवान विष्णु ने लिया मोहिनी अवतार

भगवान शिव की स्थिति की जानकारी जब जगतपालक भगवान श्रीहरि विष्णु को लगी, तो उन्होंने भस्मासुर को भ्रम में डालने के लिए एक अनुपम सौन्दर्य वाली स्त्री ने मोहिनी का रूप धारण किया, जो एक अत्यंत सुंदर नारी का अवतार था। मोहिनी ने भस्मासुर को अपनी ओर आकर्षित किया। भस्मासुर मोहिनी की सुंदरता पर मोहित हो गया और उसने उससे विवाह करने की इच्छा जताई।

मोहिनी के चतुराई से स्वयं भस्म हो गया भस्मासुर

मोहिनी ने चतुराई से कहा कि वह तभी उससे विवाह करेगी, जब वह मोहिनी के साथ नृत्य करेगा और उसकी हर हरकत की नकल करेगा। मोहिनी के रूप सौन्दर्य और आकर्षण से मोहित भस्मासुर ने इसे स्वीकार कर लिया। तब देवी मोहिनी ने मुक्तनृत्य नामक एक नृत्य शुरू किया, मोहिनी ने कई मुद्राएँ बनाईं और भस्मासुर उनकी नकल करता रहा। अंत में मोहिनी ने चतुराई से अपने सिर पर हाथ रखा। भस्मासुर ने भी बिना सोचे-समझे अपनी नकल में अपने सिर पर हाथ रख दिया। अपने ही वरदान के कारण वह तुरंत भस्म हो गया।

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