Stay on Nankana Sahib Yatra : भारत की केंद्र सरकार ने पाकिस्तान में स्थित ननकाना साहिब की यात्रा पर रोक लगा दी है। सरकार के इस फैसले से पंजाब में नया विवाद खड़ा हो गया है। सिख संगठनों ने इस पर नाराजगी जताते हुए इसे अल्पसंख्यकों के धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप माना है। पिछले 70 सालों में पहली बार ये यात्रा रोकी गई है। ऐसे सिख समुदाय के लोगों में सरकार के खिलाफ आक्रोश है। भारत सरकार ने आखिर क्यों रोकी ननकाना साहिब की यात्रा?
70 सालों में पहली बार रुकी ननकाना साहिब यात्रा
पिछले 70 सालों में पहली बार देश के सिख समुदाय के लोग ननकाना साहिब की यात्रा पर नहीं जा सकेंगे। भारत सरकार ने पाकिस्तान में स्थित ननकाना साहिब की यात्रा पर रोक लगा दी है। जिसके मुताबिक अब भारत से कोई भी ननकाना साहिब की यात्रा कर पाकिस्तान नहीं जाएगा। सरकार के इस फैसले का सिखों ने विरोध किया है।
सिखों में सरकार के खिलाफ रोष
सिख समुदाय का कहना है कि पिछले 70 सालों में युद्ध जैसे हालातों में भी यह यात्रा कभी नहीं रोकी गई। यह पहली बार है जब श्रद्धालुओं को गुरु नानक देव की जन्मस्थान पर जाने से रोका जा रहा है, जिससे सिख समुदाय की भावना को ठेस पहुंची है।
सरकार के फैसले के खिलाफ हैं भारतीय सिख
केंद्रीय श्री गुरु सिंह सभा ने सरकार के इस फैसले को अस्वीकार किया है। संगठन ने कहा है कि भारत-पाकिस्तान बंटवारे के समय से ही दोनों देशों के बीच समझौता था, जिसके तहत सिख श्रद्धालुओं को गुरुपर्व और खास मौकों पर पाकिस्तान में गुरुद्वारों में जाने की अनुमति मिलती रही है। यह सिलसिला सात दशकों से बिना रुकावट के चला आ रहा था। संगठन का मानना है कि यह फैसला राजनीतिक है, क्योंकि पाकिस्तान में सिख समुदाय को कोई खतरा नहीं है।
युद्ध के समय भी नहीं रुकी कभी ये यात्रा
श्री गुरु सिंह सभा के महासचिव डॉ. कुशल सिंह ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच सबसे खराब समय और युद्ध के दौरान भी सिख श्रद्धालु ननकाना साहिब जाते रहे हैं। उन्होंने 1984 के ऑपरेशन ब्लू स्टार का जिक्र करते हुए कहा कि उस समय जब दोनों देशों की सीमाएं बंद कर दी गई थीं, तब भी भारत सरकार ने सिखों की इस यात्रा पर रोक नहीं लगाई थी। उन्होंने कहा कि बिना किसी बात के सरकार का यह फैसला बहुत दुखद है।
संविधान के अनुच्छेद 25 का उल्लंघन
इस फैसले का विरोध करते हुए कहा गया है कि यह भारतीय संविधान के अनुच्छेद 25 का उल्लंघन है, जो हर नागरिक को अपने धर्म को मानने और पालन करने की आजादी देता है। इस बयान में कई प्रमुख नाम शामिल हैं, जैसे डॉ. कुशल सिंह, जस्टिस रंजीत सिंह, गुरतेज सिंह, ताज मुहम्मद, शमशेर कारी, डॉ. प्यारे लाल गर्ग, राजिंदर सिंह, गुरप्रीत सिंह, हमीर सिंह, दीपक शर्मा, मलविंदर सिंह माली और कैप्टन गुरदीप सिंह। सभी ने कहा कि इस समय समुदाय को एकजुट होकर गुरु नानक देव के संदेश को फैलाना चाहिए और करतारपुर कॉरिडोर को फिर से खोलने की मांग करनी चाहिए।
वहीं, पाकिस्तान की सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी और इवैक्यूए ट्रस्ट ने भारत से 22 सितंबर को गुरु नानक देव जी की पुण्यतिथि पर श्रद्धालुओं को आने देने की अपील की है।