हेल्थ। मोटापा, हार्ट की बीमारी, सुगर, हाई ब्लड प्रेशर जैसी बड़ती बीमारियों को देखते हुए अब हेल्थ मंत्रालय ने एक नई पहल शुरू किया है। जिसके तहत नाश्ता बनाने वाली कैंटीनों में नाश्ता के गुणवत्ता की जानकारी बोर्ड पर प्रदर्शित करनी पड़ेगी। हेल्थ मंत्रालय की मंशा है कि आप जिस नाश्ता को खा रहे है, संकेतक बोर्ड से अब उसे जानकारी मिल सकेंगी कि उसके समोसा में तेल की कितनी मात्रा है या फिर जलेबी एवं रसगुल्ले में शुगर यानि की शक्कर किस अनुपात में मौजूद है, हांलाकि किसी भी नाश्ता पर पाबंदी नही लगाई जाएगी। संकेतक बोर्ड से केवल चेतावनी भरी जानकारी दी जाएगी।
क्या है संकेतक बोर्ड और उसमें चेतावनी
जानकारी के तहत बोर्ड कैंटीन और सार्वजनिक जगहों पर लगाए जाएंगे. इन पर समोसा, जलेबी, पकौड़ा, लड्डू जैसे नाश्तों में मौजूद तेल और चीनी की मात्रा की पूरी जानकारी दी जाएगी. उदाहरण के लिए, यह बताया जा सकता है कि 1 रसगुल्ला में कितनी मात्रा में चीनी होती है। हेल्थ मंत्रालय की इसके पीछे सोच है कि लोगों को जंक फूड के स्वास्थ्य जोखिमों के बारे में जागरूक करना है, ताकि वे अपने खानपान को लेकर सचेत रहें।
पीएम मोदी ने मन की बात में किया था जिक्र
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के लोगो से मन की बात करते है। वे 119वें एपिसोड में स्वास्थ्य का जिक्र करते हुए कहा था कि एक फिट और स्वस्थ भारत बनने के लिए हमें मोटापे की समस्या से निपटना होगा। पीएम मोदी ने 23 फरवरी को स्वास्थ पर बात किए थें। उन्होने कहा था कि मोटापा की समस्या बढ़ रही है और इस समस्या अब बच्चे भी अछूते नही है। उन्होंने बताया था कि एक अध्ययन के अनुसार, आज हर आठ में से एक व्यक्ति मोटापे से परेशान है और बच्चों में मोटापे की समस्या चार गुना बढ़ गई है, जो बेहद चिंताजनक है। पीएम ने लोगो से अपील किए थें कि तेल का उपयोग कंम करे।