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सात साल बाद जागी सरकार: निजी विद्यालयों की फीस वसूली पर नियंत्रण के लिए बनाई गई स्टेट फीस कमेटी

State fee committee

State fee committee

State fee committee formed to control fee collection of private schools: अभिभावकों को निजी विद्यालयों की मनमानी का शिकार होने से बचाने के लिए कानून बनाया गया है। स्कूल शिक्षा विभाग ने निजी विद्यालय (फीस तथा संबंधित विषयों का विनियमन) अधिनियम 2017 में लागू किया था। जिसके करीब सात साल बाद अब राज्य फीस कमेटी का गठन किया है। यह कमेटी ऐसे समय पर गठित की गई है जब जबलपुर में 11 निजी विद्यालयों के विरुद्ध हुई कार्रवाई में प्राचार्यों और संचालकों को जेल भेजा गया है। साथ ही निजी विद्यालयों ने इसे लेकर सरकार पर कमेटी न बनाने का आरोप भी लगाया है। जिसके बाद सरकार ने सक्रियता दिखते हुए कमेटी का गठन किया है। बतादें कि सरकार द्वारा बनाई गई इस कमेटी का अध्यक्ष लोक शिक्षण आयुक्त को बनाया गया है।

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राज्य फीस समिति का कार्य
वर्ष 2017 में निजी विद्यालय (फीस तथा संबंधित विषयों का विनियमन) अधिनियम राज्य सरकार लागू कर चुकी है। इस अधिनियम की धारा 11 (1) धारा 5 की उपधारा (3) के पार्ट (ग) में प्रावधान दिया गया है कि निजी विद्यालयों में फीस वृद्धि के निर्णय सहित अन्य संबंधित विषयों पर फैसला लेने के लिए राज्य फीस समिति बनाई जाएगी। जो कि जिला फीस समिति के आदेश के विरुद्ध अपील की सुनवाई करेगी। वहीं जिला फीस समिति का गठन कलेक्टर की अध्यक्षता में करने का प्रावधान है। राज्य फीस समिति अधिनियम और नियम का पालन करते हुए कमेटी को मिलने वाली अपील का निराकरण करेगी।

राज्य फीस समिति ये होंगे शामिल
राज्य फीस समिति में आयुक्त लोक शिक्षण,अतिरिक्त मिशन संचालक राज्य शिक्षा केंद्र या मिशन संचालक द्वारा अधिकृत अफसर,अपर संचालक वित्त लोक शिक्षण, मुख्य अभियंता राज्य शिक्षा केंद्र भोपाल, संचालक लोक शिक्षण शामिल होंगे।

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