अब AI की मदद से SSC परीक्षाएं होंगी लीक-प्रूफ, 15 मिनट पहले तैयार होंगे प्रश्न पत्र

SSC Question Papers Prepared With The Help Of AI: भारत में सरकारी नौकरी की चाह रखने वाले लाखों युवाओं के लिए स्टाफ सिलेक्शन कमीशन (SSC) की परीक्षाएं बेहद महत्वपूर्ण हैं। लेकिन पिछले कुछ वर्षों में पेपर लीक की घटनाओं ने इन परीक्षाओं की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए हैं। इस समस्या का समाधान करने के लिए SSC ने एक क्रांतिकारी कदम उठाया है। अब SSC की परीक्षाओं के प्रश्न पत्र तैयार करने में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की मदद ली जा रही है। इस तकनीक ने न केवल परीक्षा प्रणाली को लीक-प्रूफ बनाया है, बल्कि इसे अधिक निष्पक्ष और कुशल भी बनाया है।

AI से कैसे तैयार होंगे प्रश्न पत्र

SSC ने क्यूबास्टियन कंसल्टिंग द्वारा विकसित एक AI-पावर्ड कंटेंट ऑथरिंग टूल को अपनाया है। यह तकनीक पूरी तरह से डिजिटल और सुरक्षित है। इसके प्रश्न पत्र परीक्षा शुरू होने के महज 15 मिनट पहले तैयार किए जाएंगे। इससे पहले किसी भी व्यक्ति को, चाहे वह अधिकारी ही क्यों न हो, को अंतिम प्रश्न पत्र देखने की अनुमति नहीं होगी। यह प्रक्रिया पेपर लीक की संभावना को बहुत हद तक कम कर देगी। इसके साथ AI विशाल प्रश्न बैंकों से सवालों का चयन करेगा। इसके साथ ही वह, यह सुनिश्चित करेगा कि प्रश्न पत्र में दोहराव न हो और सभी सवाल संतुलित, निष्पक्ष और पाठ्यक्रम के अनुरूप ही हों।

डिजिटल वेरीफिकेशन के बाद ही डिक्रिप्ट होगा प्रश्नपत्र

प्रश्न पत्र को डिजिटल हस्ताक्षर और मजबूत एन्क्रिप्शन के साथ सुरक्षित किया जाएगा, इसे केवल सही डिजिटल सिग्नेचर के माध्यम से ही डिक्रिप्ट किया जा सकता है। यह प्रणाली जीरो-ट्रस्ट साइबरसिक्योरिटी मॉडल पर आधारित है, जिसमें प्रत्येक एक्सेस को कई बार सत्यापित किया जाएगा।

SSC चेयरमैन ने बताया बड़ा कदम

इस तकनीक का पहला सफल उपयोग 15 जून 2025 को SSC की एक परीक्षा में किया गया था। इस परीक्षा में प्रश्न पत्र पूरी तरह से AI द्वारा तैयार किया गया था जिसके बाद कोई भी लीक की घटना सामने नहीं आई है। SSC के चेयरमैन एस. गोपालकृष्णन ने इसे परीक्षा प्रणाली में एक परिवर्तनकारी कदम बताते हुए कहा था- “यह केवल एसएससी के लिए ही नहीं बल्कि पूरे भारत के एजुकेशन इकोसिस्टम के लिए बड़ा बदलाव है।” उन्होंने कहा- “AI की मदद से हम न केवल पेपर लीक की समस्या को खत्म कर रहे हैं, बल्कि परीक्षा की गुणवत्ता और निष्पक्षता को और भी ज्यादा बढ़ा सकते हैं।

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