Spacequake In Hindi: हम सभी पृथ्वी पर आने वाले भूकंपों से परिचित हैं, जो टेक्टोनिक प्लेट्स की टक्कर के कारण उत्पन्न होते हैं और कई बार भारी नुकसान का कारण बनते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि अंतरिक्ष में भी भूकंप जैसी घटनाएं होती हैं, जिन्हें स्पेसक्वेक कहा जाता है? हालांकि, इनका स्वरूप और कारण पृथ्वी के भूकंपों से बिल्कुल अलग हैं। आइए, इस रोचक अंतरिक्षीय घटना के बारे में जानते हैं।
क्या है Spacequake
स्पेसक्वेक का कारण पृथ्वी के भूकंपों से बिल्कुल अलग है। अंतरिक्ष में कोई टेक्टोनिक प्लेट्स नहीं होतीं, फिर भी वहां भूकंप जैसी घटनाएं होती हैं। इसका मुख्य कारण है पृथ्वी का चुंबकीय क्षेत्र, जिसे मैग्नेटोस्फीयर कहते हैं। यह चुंबकीय क्षेत्र पृथ्वी को अंतरिक्ष से आने वाली हानिकारक सौर किरणों और रेडिएशन से बचाता है। लेकिन जब सूरज से निकलने वाली सौर हवाएं (सौर कणों और प्लाज्मा का तेज प्रवाह) इस चुंबकीय क्षेत्र से टकराती हैं, तो मैग्नेटोस्फीयर में खिंचाव और हलचल पैदा होती है। इस प्रक्रिया से उत्पन्न होने वाली ऊर्जा ही स्पेसक्वेक का रूप लेती है।
मैग्नेटोस्फीयर और सौर हवाओं का टकराव
पृथ्वी का मैग्नेटोस्फीयर एक अदृश्य ढाल की तरह काम करता है, जो सूरज से आने वाली हानिकारक किरणों को रोकता है। लेकिन सूरज की गतिविधियां, जैसे सौर विस्फोट या कोरोनल मास इजेक्शन जो सौर हवाओं को और तेज कर देती हैं। जब ये हवाएं पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र से टकराती हैं, तो मैग्नेटोस्फीयर में कंपन या दोलन उत्पन्न होता है। यह कंपन ही स्पेसक्वेक का आधार है। यह प्रक्रिया न केवल अंतरिक्ष में, बल्कि पृथ्वी पर भी कुछ प्रभाव डालती है।
स्पेसक्वेक के धरती पर प्रभाव
पृथ्वी पर भूकंप जहां भौतिक क्षति पहुंचाते हैं, वहीं स्पेसक्वेक का प्रभाव मुख्य रूप से इलेक्ट्रोमैग्नेटिक होता है। इसीलिए यह पृथ्वी को कई तरह से इफेक्ट कर सकते हैं। स्पेसक्वेक से उत्पन्न इलेक्ट्रोमैग्नेटिक तरंगें सैटेलाइट के संचालन को बाधित कर सकती हैं, जिससे नेविगेशन, संचार और मौसम की भविष्यवाणी प्रभावित हो सकती है। ये तरंगें पृथ्वी पर पावर ग्रिड्स में गड़बड़ी पैदा कर सकती हैं, जिससे बड़े पैमाने पर बिजली आपूर्ति बाधित हो सकती है। इसके अलावा टेलीकम्युनिकेशन के क्षेत्र में रेडियो सिग्नल और अन्य संचार प्रणालियां भी स्पेसक्वेक से प्रभावित हो सकती हैं।
अंतरिक्ष में पृथ्वी की तरह नहीं आते भूकंप
अंतरिक्ष में पृथ्वी की तरह भूकंप नहीं आते, क्योंकि भूकंप एक भूगर्भीय घटना है जो पृथ्वी की सतह पर टेक्टोनिक प्लेटों की गति, ज्वालामुखी गतिविधियों या अन्य भूगर्भीय प्रक्रियाओं के कारण होती है। अंतरिक्ष में ठोस सतह वाले ग्रहों या चंद्रमा जैसे खगोलीय पिंडों पर भूकंपीय गतिविधियाँ हो सकती हैं, जिन्हें अलग-अलग नामों से जाना जाता है, जैसे चंद्रमा पर मूनक्वेक या मंगल पर मार्सक्वेक आते हैं।
क्यों आते हैं पृथ्वी पर भूकंप
पृथ्वी पर भूकंप का मुख्य कारण टेक्टोनिक प्लेट्स हैं। हमारी पृथ्वी की सतह कई विशाल टेक्टोनिक प्लेट्स से बनी है, जो पृथ्वी की सतह के नीचे मौजूद मैग्मा पर तैरती रहती हैं। जब ये प्लेट्स आपस में टकराती हैं, खिसकती हैं या एक-दूसरे पर दबाव डालती हैं, तो इससे ऊर्जा निकलती है, जो भूकंप के रूप में झटकों के साथ महसूस होती है। इसके परिणामस्वरूप इमारतें ढह सकती हैं, जमीन में दरारें पड़ सकती हैं और कई बार जान-माल का भारी नुकसान होता है।