Sophia Qureshi and Vyomika Singh: भारतीय सेना द्वारा 7 मई 2025 को ऑपरेशन सिंदूर लांच(operation sindoor) इस ऑपरेशन में भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में स्थित 9 आतंकी ठिकानों पर हवाई हमले किए जिससे करीबन 70 आतंकवादी मारे गए और 60 से ज्यादा आतंकवादी घायल हुए हैं। भारत सरकार और डिफेंस मिनिस्ट्री की तरफ से इसी बात की पुष्टि करते हुए हाल ही में प्रेस कांफ्रेंस आयोजित की गई और इस प्रेस कॉन्फ्रेंस का नेतृत्व कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह द्वारा किया गया।

भारत ने की पकिस्तान के खिलाफ जवाबी कार्यवाही(military press conference on operation sindoor)
बता दे 22 अप्रैल 2025 को जम्मू कश्मीर के पहलगाम में आतंकियों द्वारा आतंकवादी हमला किया गया था जिसमें महिलाओं की आंखों के सामने उनके घर के पुरुषों को गोलियों से भून दिया गया और इसी बात का बदला लेते हुए भारत सरकार ने डिफेंस मिनिस्ट्री के साथ मिलकर यह जवाबी कार्यवाही की है। इस जवाबी कार्यवाही की प्रेस कॉन्फ्रेंस दो महिलाओं के द्वारा करवाना यह भी अपने आप में ही भारत की महिलाओं के सशक्तिकरण का प्रतीक है जहां एक ऐसा संदेश दिया जा रहा है कि भारत की महिलाएं अबला नहीं है बल्कि साक्षात देवी का अवतार है जो जरूरत पड़ने पर दुश्मन की ईंट से ईंट बजा सकती हैं।
कौन हैं सोफिया कुरैशी और व्योमिका सिंह?(kaun hain sophia qureshi aur vyomika singh)
जी हां, इस आतंकी हमले की प्रेस कॉन्फ्रेंस का नेतृत्व कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह द्वारा किया गया। कर्नल सोफिया कुरैशी भारतीय सेना की एक प्रतिष्ठित अधिकारी हैं। इन्होंने 2016 में एक्सरसाइज फोर्स 18 के दौरान भारतीय सेना के प्रशिक्षण दल का नेतृत्व किया है। वहीं सोफिया कुरैशी बहुराष्ट्रीय सैन्य अभ्यास का हिस्सा भी रह चुकी है। वे भारत की एकमात्र ऐसी महिला कमांडर है जिन्होंने इस प्रकार के अभ्यास में हिस्सा लिया है।
वही विंग कमांडर व्योमिका सिंह भारतीय वायु सेना की एक अनुभवी हेलीकॉप्टर पायलट है। 2500 से अधिक उड़ानों का अनुभव कर चुकी विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने कई आपदा राहत अभियानों में महत्वपूर्ण भूमिका भी निभाई है और अब ऑपरेशन सिंदूर में भी इन दोनों सशक्त महिलाओं का बराबर का योगदान है।
ऑपरेशन सिंदूर के बाद आयोजित प्रेस बाद वार्ता में कर्नल सोफिया कुरेशी और विंग कमांडर सिंह व्योमिका सिंह ने मीडिया को इस पूरे अभियान की जानकारी दी। यह पहली बार था कि जब दो महिला अधिकारी एक सैन्य अभियान पर आधिकारिक प्रेस वार्ता का नेतृत्व कर रही है। सरकार के इस महत्त्वपूर्ण कदम से यह स्पष्ट होता है कि भारतीय सशस्त्र बलों में महिलाओं की भागीदारी और नेतृत्व अब पहले से ज्यादा बेहतर हो रहा है। इस क्षण ने देशवासियों को गर्वित कर दिया है जो यह अपने आप में यह साबित करने के लिए काफी है कि भारत की सुरक्षा और राजनीति में महिलाएं समान रूप से सक्षम है।