Site icon SHABD SANCHI

Sonia Gandhi भारतीय नागरिकत बनने से पहले वोटर बन गईं? BJP ने गंभीर आरोप लगाए

Sonia Gandhi became a voter before becoming an Indian citizen: देश में वोटर लिस्ट (Voter List) को लेकर एक नया विवाद (Sonia Gandhi Voter Controversy) छिड़ गया है, जिसमें भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने कांग्रेस नेता सोनिया गांधी (Sonia Gandhi Voter ID) पर गंभीर आरोप लगाए हैं, जबकि राहुल गांधी (Rahul Gandhi) और कांग्रेस (Congress) ने इसका जोरदार पलटवार किया है। बीजेपी का दावा है कि सोनिया गांधी का नाम वोटर लिस्ट में 1980 में जोड़ा गया, जबकि उनकी भारतीय नागरिकता (When Sonia Gandhi Got Indian Citizenship) 1983 में मिली थी, जिसे उन्होंने चुनावी धांधली का मामला बताया।

इस आरोप-प्रत्यारोप ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। आइए, इस विवाद की जड़ों, दावों, और इसके प्रभावों को विस्तार से समझते हैं, जैसा कि हाल की रिपोर्ट में प्रकाशित हुआ है। बीजेपी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर (Anurag Thakur) ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दावा किया कि सोनिया गांधी, जो मूल रूप से इटली की नागरिक थीं, को 1980 में रायबरेली की वोटर लिस्ट में शामिल किया गया, जबकि उनकी नागरिकता 1983 में मिली। उन्होंने कहा, “यह स्पष्ट चुनावी गड़बड़ी है, और कांग्रेस ने हमेशा नियमों का उल्लंघन किया है।”

ठाकुर ने यह भी आरोप लगाया कि 1982 में जनता के विरोध के बाद उनका नाम हटाया गया, लेकिन 1983 में फिर से जोड़ा गया। बीजेपी का कहना है कि यह मामला चुनाव आयोग (Election Commission) की निष्पक्षता पर सवाल उठाता है और कांग्रेस की साख को प्रभावित करता है।

इसके जवाब में, राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बीजेपी पर पलटवार किया और इसे “राजनीतिक बदले की भावना” करार दिया। उन्होंने कहा, “बीजेपी वोटर लिस्ट को लेकर झूठे आरोप लगा रही है, जबकि खुद उनके नेता फर्जी वोटर के मामले में लिप्त हैं।” कांग्रेस का दावा है कि सोनिया गांधी की नागरिकता और वोटर लिस्ट में नाम शामिल करने की प्रक्रिया पूरी तरह वैध थी, और बीजेपी इसे चुनावी लाभ के लिए हवा दे रही है। पार्टी ने बीजेपी पर 2024 लोकसभा चुनाव (2024 Lok Sabha Elections) में वोट चोरी (Vote Theft) के आरोप भी दोहराए, जिसे राहुल ने “एटम बम”साबित करने का दावा किया था।

विवाद ने सोशल मीडिया पर भी तूल पकड़ा है, जहां #SoniaVoterScam और #BJPFakeNarrative जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं। कांग्रेस समर्थक बीजेपी के इतिहास पर सवाल उठा रहे हैं, जबकि बीजेपी समर्थक सोनिया गांधी के खिलाफ अभियान चला रहे हैं। इस बीच, चुनाव आयोग ने अभी तक इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है, लेकिन बीजेपी ने जांच की मांग की है। इस विवाद का प्रभाव राजनीतिक माहौल पर गहरा पड़ सकता है, खासकर आगामी बिहार और पश्चिम बंगाल चुनाव को देखते हुए।

कांग्रेस का कहना है कि बीजेपी इस मुद्दे को हथियार के रूप में इस्तेमाल कर रही है, जबकि बीजेपी इसे कांग्रेस की विश्वसनीयता पर हमला मानती है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर जांच में कोई गड़बड़ी साबित हुई, तो यह कांग्रेस के लिए बड़ा झटका हो सकता है, लेकिन अगर आरोप निराधार पाए गए, तो बीजेपी की साख पर असर पड़ेगा।

चुनौतियां भी सामने हैं, क्योंकि इस तरह के विवाद अक्सर राजनीतिक ध्रुवीकरण को बढ़ाते हैं और जनता का ध्यान वास्तविक मुद्दों से हट जाता है। साथ ही, चुनाव आयोग की स्वतंत्रता पर भी सवाल उठ रहे हैं, जो लोकतंत्र के लिए खतरा हो सकता है।निष्कर्ष रूप में, सोनिया गांधी बनाम बीजेपी का यह वोटर लिस्ट विवाद राजनीतिक जंग का नया मोर्चा खोल चुका है। आने वाला समय बताएगा कि क्या यह मुद्दा सच का पर्दाफाश करेगा या महज चुनावी हथियार साबित होगा। जनता की नजर अब जांच और आयोग के फैसले पर टिकी है।

Exit mobile version