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जेल से वांगचुक का संदेश: लेह हिंसा पर स्वतंत्र जांच की मांग

लद्दाख के प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता सोनम वांगचुक (Sonam Wangchuk), राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत जोधपुर सेंट्रल जेल में बंद हैं, वांगचुक ने जेल से अपना पहला संदेश जारी किया है। उन्होंने कहा कि वे लेह में हुई हिंसा की जांच पूरी होने तक जेल में रहने को तैयार हैं। वांगचुक ने हिंसा में मारे गए चार लोगों के परिवारों को संवेदना दी और घायलों व गिरफ्तार लोगों के लिए प्रार्थना की। उन्होंने स्वतंत्र न्यायिक जांच की मांग की और लद्दाखवासियों से शांतिपूर्ण आंदोलन जारी रखने की अपील की। यह संदेश ऐसे समय में आया है जब लद्दाख में छठी अनुसूची (Sixth Schedule Demand) और पूर्ण राज्य का मुद्दा गरमाता जा रहा है।

वांगचुक का संदेश: शांति और जांच पर जोर

Sonam Wangchuk Jail Message: जेल से जारी संदेश में वांगचुक ने कहा, “मैं शारीरिक और मानसिक रूप से ठीक हूं। चिंता जताने और प्रार्थना करने वालों का आभार। हिंसा में जान गंवाने वालों के परिवारों को मेरी गहरी संवेदना। घायलों और गिरफ्तारों के लिए मेरी प्रार्थनाएं। हमारे चार लोगों की हत्या की स्वतंत्र न्यायिक जांच होनी चाहिए। जब तक ऐसा न हो, मैं जेल में रहने को तैयार हूं।” उन्होंने लद्दाखवासियों से अपील की, “लोग शांतिपूर्ण और एकजुट होकर आंदोलन जारी रखें, लेह एपेक्स बॉडी और KDA की मांगों का समर्थन करें – छठी अनुसूची में शामिल होना और पूर्ण राज्य का दर्जा।” यह संदेश उनके भाई त्येतन दोर्जे लेह (Tyetan Dorje Leh) और वकील मुस्तफा हाजी (Mustafa Haji) के जरिए 3 सितंबर 2025 को जोधपुर में मुलाकात के बाद भेजा गया।

वांगचुक को लेह हिंसा के बाद NSA के तहत गिरफ्तार किया गया, जो 30 मई 1980 का कानून है और बिना ट्रायल के हिरासत की अनुमति देता है। गृह मंत्रालय ने उनके एनजीओ का FCRA लाइसेंस (FCRA License Cancellation) रद्द कर दिया, जो विदेशी फंडिंग पर रोक लगाता है। CBI द्वारा वांगचुक के खिलाफ जांच चल रही है, जिसमें कथित पाकिस्तानी कनेक्शन शामिल है।

वांगचुक की अपील से साफ है कि आंदोलन शांतिपूर्ण रहेगा, लेकिन स्वतंत्र जांच न होने पर तनाव बढ़ सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह मामला केंद्र-राज्य संबंधों को प्रभावित करेगा। क्या गृह मंत्रालय जांच पर विचार करेगा? लद्दाखवासी एकजुट दिख रहे हैं।

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