Waqf Amendment bill Voting : वक्फ बोर्ड संशोधन को लेकर कहीं विरोध तो कहीं समर्थन, देश भर में चल रहा QR कैंपेन ।

Waqf Amendment bill Voting : केंद्र सरकार द्वारा पेश किए गए वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक पर फैसला संयुक्त संसदीय समिति के पाले में है। समिति ने देशभर के लोगों की राय आमंत्रित करते हुए एक सार्वजनिक नोटिस जारी किया है। जिसमें लोग QR को स्कैन करके और ई मेल के माध्यम से अपनी राय दे सकते हैं ।

दो धड़ों में बंटे इस विधेयक का सोशल मीडिया पर खूब प्रचार हो रहा है। शुरू से ही राजनीति से घिरे इस विधेयक को लेकर उलेमा भी मैदान में हैं। वे लोगों से अपील भी कर रहे हैं कि वे इस मामले में उनके विचारों को अपने महत्वपूर्ण कार्यों में शामिल करें।

क्या है वक्फ बोर्ड अधिनियम? Waqf Amendment bill

हाल ही में संसद में एक नया विधेयक पेश किया गया जो वक्फ अधिनियम 1995 में संशोधन करेगा। इसका उद्देश्य वक्फ बोर्ड के कामकाज में पारदर्शिता लाने के साथ-साथ इन बोर्डों में महिलाओं को शामिल करना है। सरकार के अनुसार, मुस्लिम समुदाय के भीतर से उठ रही मांगों को देखते हुए यह कदम उठाया जा रहा है।

विधेयक को लेकर राजनीतिक दलों में चल रही तीखी बहस। (Baqf bill 2024)

हाल ही में कैबिनेट द्वारा समीक्षा किए गए इस विधेयक का उद्देश्य मौजूदा वक्फ अधिनियम की कई धाराओं को निरस्त करना है। इन निरस्तीकरणों का मुख्य उद्देश्य वक्फ बोर्डों के मनमाने अधिकार को कम करना है, जो वर्तमान में उन्हें अनिवार्य सत्यापन के बिना किसी भी संपत्ति को वक्फ संपत्ति के रूप में दावा करने की अनुमति देता है। इस विधेयक को लेकर राजनीतिक दलों में तीखी बहस चल रही है।

इन बदलावों को लेकर मचा हुआ है बवाल।

इस विधेयक में मौजूदा वक्फ कानून में करीब 40 बदलावों का प्रस्ताव है। इसके तहत वक्फ बोर्डों को सभी संपत्ति दावों के लिए अनिवार्य सत्यापन से गुजरना होगा, जिससे पारदर्शिता सुनिश्चित होगी।

इसका उद्देश्य महिलाओं के प्रतिनिधित्व सहित वक्फ बोर्डों की संरचना और कार्यप्रणाली को बदलने के लिए धारा 9 और 14 में संशोधन करना है।

इसके अलावा विवादों को निपटाने और दुरुपयोग को रोकने के लिए वक्फ बोर्डों द्वारा दावा की गई संपत्तियों का नए सिरे से सत्यापन किया जाएगा, वक्फ संपत्तियों की निगरानी में जिला मजिस्ट्रेट शामिल हो सकते हैं।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक वक्फ बोर्डों की मनमानी शक्तियों को लेकर व्यापक चिंताओं के कारण यह कानून लाया जा रहा है। उदाहरण के लिए, सितंबर 2022 में तमिलनाडु वक्फ बोर्ड ने मुख्य रूप से हिंदू बहुल तिरुचेंदुरई गांव पर अपना दावा ठोका था।

वक्फ बोर्ड को लेकर क्या है सरकार की योजना ?

मोदी सरकार कैबिनेट में वक्फ बोर्ड की किसी भी संपत्ति को वक्फ संपत्ति बनाने की शक्तियों पर अंकुश लगाना चाहती है। इन संशोधनों का उद्देश्य वक्फ बोर्ड के किसी भी संपत्ति को ‘वक्फ संपत्ति’ के रूप में नामित करने के अधिकार को प्रतिबंधित करना है। संपत्तियों पर वक्फ बोर्ड द्वारा किए गए दावों का अनिवार्य रूप से सत्यापन किया जाएगा।

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