नेपाल में सोशल मीडिया वैन, युवाओं का फूटा गुस्सा, प्रदर्शनकारियों पर फयारिंग, 9 लोगो की मौत, 40 घायल

काठमाडू। नेपाल के युवा सोमवार को उग्र हो गए और वे सोशल मीडिया वैन एवं भष्टाचार के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए संसद भवन में पहुच गए। इस आंदोलन में जेन-जी यानी 18 से 30 साल के युवा ज्यादातर शामिल है। युवाओं के इस उग्र आंदोलन को देखते हुए पुलिस ने उन्हे रोकने के लिए आंसू गैस के गोले दागे और पानी की बौछार की। जब स्थित नियंत्रण में नही हुई तो पुलिस गोली चलाई हैं जिससे एक आंदोलनकारी की मौत हो गई है, जबकि कई लोगों के घायल होने की खबरें आ रही है।

लगाया गया कर्फ्यू

जो जानकारी आ रही है उसके तहत हजारों की संख्या में आदोलनकारी शामिल रहे और वे संसद के गेट नंबर 1 और 2 पर कब्जा कर लिया है। नेपाल प्रशासन ने संसद भवन, राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, पीएम आवास समेत काठमांडू के प्रमुख इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया है और आर्मी को तैनात किया गया है।

ऐसे बिगड़ा मामला

जो खबरें आ रही है उसके तहत प्रदर्शनकारियों ने शुरुआत में शांतिपूर्ण प्रदर्शन का वादा किया था, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए आंसू गैस के गोले और पानी की बौछारों का सहारा लिया। इसके बाद प्रदर्शनकारी उग्र हो गए और संसद परिसर में अफरातफरी का माहौल बन गया।

सोशल प्लेटफार्म पर सरकार ने लगाया है वैन

दरअसल, प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की सरकार ने 4 सितंबर को बड़ा कदम उठाते हुए फेसबुक, इंस्टाग्राम, यूट्यूब, वॉट्सऐप समेत 26 सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों पर प्रतिबंध लगा दिया था। सरकार का तर्क है कि इन प्लेटफॉर्म्स के जरिए देश में गलत सूचनाएं और अफवाहें फैल रही हैं। वही आंदोलन के बाद नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने युवाओं के प्रदर्शन पर चेतावनी दी है, जबकि युवाओं का कहना है कि यह प्रतिबंध उनकी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और डिजिटल आजादी पर सीधा हमला है। छात्रों और कार्यकर्ताओं का आरोप है कि सरकार विरोधी आवाजों को दबाने की कोशिश कर रही है। नेपाल में इंटरनेट और सोशल मीडिया युवाओं के लिए न केवल अभिव्यक्ति का माध्यम है बल्कि शिक्षा, रोजगार और व्यवसाय का अहम साधन भी है। ऐसे में बैन के बाद नाराजगी और विरोध की लहर तेजी से फैल गई है।

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