अमेरिकन प्रेजिडेंट ट्रम्प और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच सोमवार को फोन पर बात चीत हुई। ट्रम्प के सत्ता में आने के बाद दोनों नेताओं की ये पहली बातचीत थी। जिसमें दोनों लीडर्स के बीच टेक्नोलॉजी, बिजनेस, investment और डिफेंस सेक्टर पर बात हुई। इसमें सबसे अहम् था जब ट्रम्प ने PM मोदी से बातचीत में डिफेंस सेक्टर पर ज्यादा ज़ोर दिया। जिसमें ट्रंप ने कहा कि वह चाहते हैं कि भारत अमेरिका से और ज्यादा हथियार खरीदे।
वैसे भारत अभी सबसे ज्यादा हथियार रूस से खरीदता है, लेकिन अब रूस पर निर्भरता को कम करने के लिए भारत दूसरे देशों के साथ भी डिफेंस डील कर रहा है. इस बात को अमेरिका अच्छे से जानता है और चाहता है कि भारत रूस को छोड़कर उसके साथ सैन्य उपकरण खरीदे. व्हाइट हाउस के बयान में भी अमेरिका की इस सोच की झलक साफ़ देखने मिलती है.
रूस से खरीदता है भारत सबसे ज्यादा हथियार :
ज़ाहिर तौर पर साफ़ है की भले ही भारत रूस पर अपनी निर्भरता को कम कर रहा है पर इसके बाद भी इंडिया के साथ हथियार खरीदने वाले देशों की लिस्ट में सबसे ऊपर रूस का नाम आता है। यानि की रूस पहले नंबर पर आता है जिसके साथ इंडिया रक्षा हथियारो का सबसे ज्यादा इम्पोर्ट करता है। आंकड़े देखे तो इंडिया 36% रक्षा हथियार रूस से import करता है। इसके बाद फ्रांस से 33% इंडिया इम्पोर्ट करता है उसके बाद अमेरिका तीसरे नंबर पर है जिसके साथ इंडिया अपना 13 % रक्षा हथियार खरीदता है। मापा जाए तो इंडिया, US से रूस की अपेक्षा आधे से भी कम इम्पोर्ट करता है।
भारत दुनिया का सबसे बड़ा हथियार आयातक देश :
सीआरएस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 2008 से 2023 के बीच भारत दुनिया का सबसे बड़ा हथियार आयातक देश था. इस दौरान दुनिया में जितना भी हथियार खरीदा गया, उसका 10 फीसदी केवल भारत ने खरीदा था. यही वजह है की अमेरिका लगातार भारत को रूस से हथियारों का निर्यात कम करने और अमेरिका के साथ ट्रेड बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करता रहा है. ये बात तो तब भी साफ़ दिख रही थी जब खुद वाइट हाउस ने बयान दे कर कहा की ट्रंप ने पीएम मोदी से बातचीत में दो मुद्दों पर ज़ोर दिया. एक तो ये कि भारत ज़्यादा से ज़्यादा अमेरिकी रक्षा उपकरण ख़रीदे और दूसरा यह कि दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार संतुलित हो ना कि किसी एक की तरफ़ झुका हुआ.
मोदी जाएंगे अमेरिका दौरे पर :
बहरहाल रिपोर्ट्स के मुताबिक पीएम मोदी और डोनाल्ड ट्रंप की मुलाक़ात भी जल्द ही हो सकती है. हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक पीएम मोदी फ़रवरी के दूसरे हफ़्ते में पेरिस में आयोजित आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) समिट में शरीक होने जाएंगे और यहीं से वॉशिंगटन डीसी के लिए रवाना हो सकते हैं. साथ ही इसके संकेत वाइट हाउस की तरफ से भी मिले है की पीएम मोदी अमेरिका दौरे पर आने वाले हैं ये कहे तो वाइट हाउस की तरफ से पहला ऑफिसियल ब्यान है।
प्रधानमंत्री मोदी – मित्र ट्रम्प से बात करके अच्छा लगा
तरफ ट्रम्प पीएम मोदी को अमेरिका भी बुला रहे हैं और साथ ही रणनीतिक साझेदारी को लेकर कुछ शर्तें भी लगा दी हैं. जिन शर्तों का सीधा-सीधा असर भारत-रूस सम्बन्धो पर पड़ सकता है। वैसे देखें तो पीएम मोदी और डोनाल्ड ट्रंप के बीच काफी मजबूत सम्बन्ध है। इवेन ट्रम्प के साथ बीतचीत के बाद पीएम मोदी ने ट्वीट कर बताया की मेरे दोस्त ट्रम्प से बात करके बड़ा अच्छा लगा। इसके अलावा दोनों लीडर्स के बीच के तालमेल को उनकी मुलाकात के दौरान देखा जा सकता है।
भारत-रूस रिश्ते में आएंगी खटास?
इंडिया का रूस के साथ भी काफी पुराना और दोस्ती का सम्बन्ध है। ऐसे में भारत को दोनों से अच्छे सम्भन्ध बनाकर ही चलना है। ये भारत की खास विदेश नीति भी है। और कुल मिलकर देखें तो जिस तरह ट्रंप के पहले कार्यकाल में भारत-अमेरिका के बीच डिफेंस डील में तेजी आई थी, उसी तरह ट्रंप के इस कार्यकाल में भी भारत और अमेरिका के बीच नए रक्षा समझौते हो सकते हैं जिसका खामियाजा रूस को उठाना पड़ सकता है साथ ही इससे इंडिया और रूस के रिश्तों में भी खटास भी गुंजाईश है।