Yes Bank Merger News In Hindi: हाल ही में भारत के निजी क्षेत्र के प्रमुख बैंकों में से एक, यस बैंक ने जापान की सुमितोमो मित्सुई बैंकिंग कॉरपोरेशन (SMBC) के साथ एक महत्वपूर्ण साझेदारी और 16,000 करोड़ रुपये की पूंजी जुटाने की योजना की घोषणा की है। यह डील भारतीय बैंकिंग क्षेत्र में अब तक की सबसे बड़ी क्रॉस-बॉर्डर मर्जर और अधिग्रहण की डील मानी जा रही है। यस बैंक के एसबीआई समेत कई शेयरधारक कई महीनों से इसकी तैयारी कर रहे थे। हालांकि SMBC के साथ बड़ी डील के बाद से ही यस बैंक के शेयरों में उठा पटक जारी है।
SMBC के साथ 13,480 करोड़ रुपये की डील
9 मई 2025 को हस्ताक्षरित एक समझौते के तहत, जापान की सुमितोमो मित्सुई बैंकिंग कॉरपोरेशन (SMBC) ने यस बैंक में 20% की हिस्सेदारी 13,480 करोड़ रुपये में खरीदी है। यह हिस्सेदारी स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) और अन्य सात बैंकों के नेतृत्व वाले कंसोर्टियम से अधिग्रहित की गई है, जिन्होंने 2020 में यस बैंक को संकट से उबारा था। इस डील के बाद, यस बैंक में सबसे बड़े शेयरधारक रहे SBI की हिस्सेदारी 23.97% से घटकर 10.81% रह जाएगी। SMBC की यह निवेश रणनीति भारतीय बैंकिंग क्षेत्र में विदेशी निवेश को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। इस सौदे को मूडीज ने भी क्रेडिट पॉजिटिव बताया है, क्योंकि यह यस बैंक की पूंजी स्थिति को मजबूत करेगा और इसकी वित्तीय स्थिरता को बढ़ाएगा।
16,000 करोड़ रुपये की पूंजी जुटाने की योजना
3 जून 2025 को हुई बोर्ड मीटिंग में, यस बैंक ने 16,000 करोड़ रुपये की पूंजी जुटाने की योजना को मंजूरी दी। इस राशि में 7,500 करोड़ रुपये इक्विटी के माध्यम से और 8,500 करोड़ रुपये डेट इंस्ट्रूमेंट्स अर्थात भारतीय या विदेशी मुद्रा में से जुटाए जाएंगे। बैंक ने यह भी सुनिश्चित किया है कि कुल इक्विटी डाइल्यूशन 10% से अधिक नहीं होगा।
इस पूंजी का उपयोग बैंक अपनी वित्तीय स्थिति को और मजबूत करने, नियामकीय आवश्यकताओं को पूरा करने और भविष्य में विकास के अवसरों को बढ़ाने के लिए करेगा। यह कदम विशेष रूप से इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि यस बैंक 2020 में आए तरलता संकट के बाद से अपनी स्थिति को स्थिर करने की दिशा में काम कर रहा है।
बाजार की प्रतिक्रिया और शेयर मूल्य में उतार-चढ़ाव
इस डील और पूंजी जुटाने की घोषणा के बाद, यस बैंक के शेयरों में महत्वपूर्ण हलचल देखी गई। 2 जून 2025 को, बोर्ड मीटिंग से पहले, बैंक के शेयरों में 8.99% की तेजी देखी गई और यह BSE पर 23.27 रुपये प्रति शेयर पर बंद हुआ। हालांकि, 3 जून को एक ब्लॉक डील की खबरों के बीच, जिसमें कार्लाइल ग्रुप ने अपनी 2.62% हिस्सेदारी (82 करोड़ शेयर) 1,775 करोड़ रुपये में बेची, शेयरों में 10% की गिरावट दर्ज की गई थी।
4 जून को, पूंजी जुटाने की मंजूरी की खबर के बाद, शेयर फिर से 1.5% की बढ़त के साथ 21.02 रुपये पर खुले। विश्लेषकों का मानना है कि यदि खरीदारी का रुझान बना रहा, तो शेयर अल्पकालिक तौर पर 25-26 रुपये तक पहुंच सकता है।
विवाद और चिंताएं
इस डील को लेकर कुछ विवाद भी सामने आए हैं। महाराष्ट्र कांग्रेस के नेता विश्वास उतागी ने SMBC द्वारा यस बैंक की 20% हिस्सेदारी खरीदने को भारतीय बैंकिंग संप्रभुता के लिए खतरा बताया है। उन्होंने इस सौदे की जांच के लिए एक न्यायिक जांच की मांग की है, यह तर्क देते हुए कि 2020 में सार्वजनिक धन के माध्यम से यस बैंक को बचाया गया था, और अब इसे विदेशी बैंक के हाथों में सौंपना उचित नहीं है। इसके जवाब में, यस बैंक ने स्पष्ट किया कि SMBC द्वारा पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी स्थापित करने और नियंत्रणकारी हिस्सेदारी हासिल करने की खबरें “तथ्यात्मक रूप से गलत” हैं। बैंक ने कहा कि वह ऐसी किसी भी चर्चा का हिस्सा नहीं है।
यस बैंक का वित्तीय प्रदर्शन
मार्च 2025 में समाप्त तिमाही में, यस बैंक ने 738 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ दर्ज किया, जो पिछले वर्ष की समान तिमाही की तुलना में 63% अधिक है। वित्त वर्ष 2025 में, बैंक का शुद्ध लाभ दोगुना होकर 2,406 करोड़ रुपये हो गया। इसके अलावा, बैंक की नेट ब्याज आय 6% बढ़कर 2,276.36 करोड़ रुपये रही। यह मजबूत वित्तीय प्रदर्शन बैंक की रिकवरी और स्थिरता की कहानी को रेखांकित करता है।
भविष्य पर होगी नजर
SMBC के साथ यस बैंक की डील और 16,000 करोड़ रुपये की पूंजी जुटाने की योजना भारतीय बैंकिंग क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम है। यह सौदा न केवल बैंक की वित्तीय स्थिति को मजबूत करेगा, बल्कि भारतीय बैंकिंग क्षेत्र में विदेशी निवेश को भी प्रोत्साहित कर सकता है। हालांकि, शेयर बाजार में अस्थिरता और कुछ हितधारकों की चिंताओं के बावजूद, यह डील यस बैंक के लिए एक नई शुरुआत का संकेत देती है। निवेशकों और नियामकों की नजर अब इस बात पर होगी कि बैंक इस पूंजी का उपयोग कैसे करता है और भविष्य में अपनी स्थिति को कैसे मजबूत करता है।