MP: देश में सर्वाधिक दुर्घटना वाले 100 जिलों में एमपी के छह जिले

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MP News: सबसे अधिक सड़क दुर्घटना वाले 100 जिलों में मध्य प्रदेश के छह जिले शामिल हैं। ये जिले हैं- धार, सागर, सतना, रीवा, जबलपुर और खरगोन। सड़क दुर्घटनाओं की गंभीरता को देखते हुए केन्द्र सरकार ने जीरो फेटेलिटी डिस्ट्रिक्ट प्रोग्राम के तहत इन जिलों के जिला प्रशासन को निर्देश दिए हैं।

MP Road Accident News: देशभर में सबसे अधिक सड़क दुर्घटना वाले 100 जिलों में मध्य प्रदेश के (Districts with the highest number of road accidents in MP) छह जिले शामिल हैं। ये जिले हैं- धार, सागर, सतना, रीवा, जबलपुर और खरगोन। सड़क दुर्घटनाओं की गंभीरता को देखते हुए केन्द्र सरकार ने जीरो फेटेलिटी डिस्ट्रिक्ट प्रोग्राम के तहत इन जिलों के जिला प्रशासन को निर्देश दिए हैं कि वे सड़क दुर्घटनाओं के कारणों को चिह्नित कर ठोस योजना तैयार करें। (mp main sabse jyada eccident wale jile) इसके आधार पर आवश्यक कदम उठाए जाएं ताकि सड़क दुर्घटनाओं पर प्रभावी रूप से रोक लगाई जा सके।

केन्द्र सरकार के सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने सेफ लाईफ फाउण्डेशन के सर्वे के आधार पर इन जिलों को चिह्नित किया है। वर्ष 2023 के आकलन के अनुसार, धार जिले में सबसे अधिक गंभीर सड़क दुर्घटनाएं दर्ज की गई हैं। आईआईटी मद्रास के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर रोड सेफ्टी ने ऐसी रणनीति तैयार की है, जिसके तहत दुर्घटना संभावित स्थानों और सड़क कॉरिडोर पर कम लागत वाले स्थानीय उपायों को लागू किया जाएगा। इन कार्यों के लिए जिला प्रशासन को सहयोग प्रदान किया जाएगा।

दुर्घटना संभावित स्थलों की पहचान और उपाय

परिवहन विभाग ने सभी कमिश्नरों और जिला कलेक्टर्स को विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए हैं। मुख्य सचिव द्वारा इस कार्य की नियमित समीक्षा की जा रही है। सभी कलेक्टर्स को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने जिले में एडीएम या एसडीएम स्तर के अधिकारी को नोडल अधिकारी नियुक्त करें। यह नोडल अधिकारी जिले की सड़क एजेंसियों के अधिकारियों के साथ बैठक कर संभावित दुर्घटना स्थलों और सड़क कॉरिडोर की जानकारी एकत्रित करेगा। लगातार दुर्घटना वाले स्थल या सड़क कॉरिडोर को एनआईसी e-DAR पोर्टल के माध्यम से चिह्नित किया जाएगा। साथ ही, ऐसे स्थान जहां भविष्य में गंभीर दुर्घटनाएं हो सकती हैं या वर्तमान में छोटी-मोटी दुर्घटनाएं हो रही हैं, उनकी जानकारी स्थानीय पुलिस, स्थानीय निकायों और आम जनता से एकत्र करने के निर्देश दिए गए हैं।

निरीक्षण और तकनीकी विश्लेषण

चिह्नित सड़क दुर्घटना स्थलों और सड़क कॉरिडोर का निरीक्षण संबंधित सड़क एजेंसी के जिला अधिकारियों द्वारा व्यक्तिगत रूप से किया जाएगा। दुर्घटनाओं के तकनीकी और इंजीनियरिंग कारणों का आकलन कर एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जाएगी। निरीक्षण के बाद, दुर्घटना के कारणों का निराकरण करने के लिए कम लागत और स्थानीय स्तर के उपाय सड़क एजेंसी के इंजीनियरों द्वारा सुझाए जाएंगे। इन उपायों को जिला सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में कलेक्टर, नोडल अधिकारी और सड़क एजेंसी के इंजीनियरों द्वारा प्रस्तुत किया जाएगा।

बजट और संसाधन व्यवस्था

इन कम लागत वाले उपायों के लिए लोक निर्माण विभाग को प्रत्येक जिले में पर्याप्त बजट प्रावधान करने के निर्देश दिए गए हैं। इस कार्य के लिए आवश्यक धनराशि जिला खनिज प्रतिष्ठान निधि, सांसद निधि और विधायक निधि से प्राप्त करने के प्रयास किए जाएंगे।

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