Sitapur Journalist Murder : धन घोटाले की पोल खोल रहे थे पत्रकार राघवेंद्र, माफिया ने दबा दी आवाज 

Sitapur Journalist Murder : सीतापुर पत्रकार राघवेंद्र हत्याकांड ने सभी को हिला कर रख दिया। राघवेंद्र बाजपेई दैनिक जागरण के पत्रकार थे। वह धान घोटाले को उजागर करने वाला था। धान घोटाले के माफियाओ को इस बात की भनक हो गई थी, इसलिए राघवेंद्र की हत्या करवा दी गई। राघवेंद्र को एक फोन आया और वह बाइक लेकर निकल गया। रास्ते में बदमाशों ने उसकी बाइक को रोककर उसकी पीठ पर गोली मार दी, जिससे राघवेंद्र घायल होकर गिर पड़ा और बचने के लिए भागने लगा। लेकिन बदमाशों ने उसके सिर पर बंदूक सटा कर गोली मेरी जिससे मौके पर राघवेंद्र की मौत हो गई। आज नैमिषारण्य में नम आँखों के साथ पत्रकार राघवेंद्र का अंतिम संस्कार कर दिया गया। 

पत्रकार राघवेंद्र का आज अंतिम संस्कार 

रविवार को नैमिषारण्य के बरगदिया घाट पुल स्थित श्मशान घाट पर सीतापुर के पत्रकार राघवेंद्र बाजपेई का अंतिम संस्कार हो गया। उनके पिता महेंद्र कुमार बाजपेई ने उन्हें मुखाग्नि दी। इस दौरान भारी पुलिस बल तैनात रहा। पहले परिजनों ने राघवेंद्र केशव का अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया था और सब को हाईवे पर रखकर विरोध प्रदर्शन करना चाह रहे थे। लेकिन पुलिस के समझाने के बाद परिजनों ने अंतिम संस्कार के लिए हामी भर दी। नम आँखों के साथ मजबूर परिवार ने उसे अंतिम विदाई दी। क्षेत्रीय विधायक शशांक त्रिवेदी और जिला प्रशासन के अधिकारियों ने राघवेंद्र के परिजनों से लिखित मांग पत्र लिया है जिसमें राघवेंद्र की पत्नी ने पुलिस को एक तहरीर भी दी है। 

हत्यारों को अभी तक नहीं ढूंढ पाई पुलिस 

पत्रकार राघवेंद्र वाजपेई हत्याकांड पुलिस अब तक हत्यारों को नहीं पकड़ पाई है। आज रविवार को सुबह राघवेंद्र के परिजनों ने हत्या में शामिल अपराधी में गिरफ्तारी न होने पर विरोध जताया था। नाराज परिजनों ने सब को हाईवे पर रखकर जाम लगाने की बात कही तो पुलिस के भी हाथ-पांव फूल गए। जैसे-तैसे पुलिस ने परिजनों को मना लिया और शव का अंतिम संस्कार करवा दिया। आनन-फानन में पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए इस मामले से जुड़े तीन लेखपाल और आठ संदिग्ध लोगों को हिरासत में लिया था। पुलिस इन लोगों से पूछताछ कर रही है। बता जा रहा है इस मामले में महोली तहसील के अधिकारी के शामिल होने का भी संदेह है। एडवेंचर घोटाले का पर्दाफाश करना चाहता था उसमें प्रशासनिक अधिकारियों की मिलीभगत है। 

धान माफियाओं के अधिकारियों से जुड़े हैं तार 

बता दें कि सीतापुर में धान घोटाले के माफिया सक्रिय हैं। राघवेंद्र अन्य माफिया के खिलाफ भ्रष्टाचार से लड़ रहा था। बीते दिनों राघवेंद्र ने धान घोटाला और जमीन घोटाला को लेकर कई खबरें भी प्रकाशित की थी। जिससे प्रशासनिक अधिकारियों से लेकर छोटे कर्मचारियों तक हड़कंप मच गया था। सीतापुर में धान घोटाले के माफियाओं के तार छोटे-मोटे लोगों से नहीं बल्कि पावरफुल लोगों से जुड़े हुए हैं, जिसमें बड़े प्रशासनिक अधिकारी शामिल है। यह माफिया सभी ग्रामीण क्षेत्र के किसानों से सस्ते में धान खरीद कर मीलों में भेजते हैं। यह माफी किसानों से तब तक धान खरीदने रहते हैं जब तक एक-एक दाना बिक न जाए। इसके बाद प्रशासनिक अधिकारियों का इसमें हस्तक्षेप होता है। इसी घोटाले को राघवेंद्र उजागर करने के लिए दिन-रात जुटे हुए थे। जिसे माफिया से लेकर  अधिकारियों तक की नींद उड़ गई थी। 

धान माफिया के खिलाफ प्रकाशित की थी कई खबरें

धान माफियाओं के खिलाफ राघवेंद्र वाजपेई ने दैनिक जागरण में  कई खबरें भी प्रकाशित की थी। माफियाओं ने राघवेंद्र को जान से मारने की धमकी भी दी थी लेकिन वह फिर भी नहीं माने और खबरें लगातार प्रकाशित करते रहें। हत्या से कुछ समय पहले राघवेंद्र के पास एक फोन आया था जिसके बाद वह बाइक लेकर घर से निकल पड़े। रास्ते में जब हाईवे से गुजर रहे थे तभी कुछ बाइक स्वरों ने उन्हें रोक लिया और उनकी पीठ पर गोलियां बरसा दी। राघवेंद्र घायल होकर सड़क पर गिर पड़े और खुद की जान बचाने के लिए भागने लगे। तभी बदमाशों ने उन्हें पकड़ लिया और सर पर बंदूक सटाकर गोली मारी जिससे मौके पर उनकी मौत हो गई। 

 पुलिस ने तीन लेखपालों को हिरासत में लिया 

आज रविवार को पुलिस ने इस मामले में बड़ा एक्शन लेते हुए घोटाले से जुड़े तीन लेखपाल और संदीप लोगों को हिरासत में लिया है। हिरासत में लिखे लोगों में वह तीन लेखपाल शामिल है जिनका नाम राघवेंद्र घोटाले में प्रकाशित किया था। इसके अलावा और कई लोग भी इस घोटाले में शामिल थे जिनके बारे में राघवेंद्र को जानकारी थी। पुलिस हत्याकांड को सुलझाने के लिए लगातार जांच में जुटी हुई है। 

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