भारत निर्वाचन आयोग ने 10 सितंबर 2025 को एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई है, जिसमें पूरे देश में सिमुल्टेनियस इलेक्शन रिफॉर्म्स (SIR) यानी एक साथ चुनाव लागू करने की तैयारियों पर चर्चा होगी। यह बैठक आयोग के मुख्यालय निर्वाचन सदन में होगी, जिसमें मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार और अन्य चुनाव आयुक्तों के साथ वरिष्ठ अधिकारी शामिल होंगे। इस बैठक का उद्देश्य केंद्र और राज्य सरकारों के साथ समन्वय स्थापित कर एक साथ लोकसभा और विधानसभा चुनाव कराने की व्यवहार्यता और तकनीकी तैयारियों का आकलन करना है। यह कदम केंद्र सरकार की ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ (One Nation, One Election) नीति को लागू करने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
बैठक में राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों (Chief Electoral Officers) और केंद्र सरकार के प्रतिनिधियों से इनपुट लिया जाएगा। चर्चा का मुख्य फोकस मतदाता सूची (Voter List) को एकीकृत करना, इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (EVM) की उपलब्धता, और एक साथ चुनाव कराने के लिए जरूरी संसाधनों पर होगा। इसके अलावा, संवैधानिक और कानूनी बाधाओं को दूर करने के लिए सुझावों पर भी विचार किया जाएगा। आयोग ने सभी राज्यों से उनकी तैयारियों और चुनौतियों पर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।
केंद्र सरकार ने हाल ही में ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ को लागू करने के लिए एक उच्चस्तरीय समिति की सिफारिशों को मंजूरी दी थी, जिसके बाद यह बैठक बुलाई गई है। सूत्रों के अनुसार, आयोग 2029 के लोकसभा और विधानसभा चुनावों को एक साथ कराने की दिशा में रोडमैप तैयार करना चाहता है। इस नीति के तहत समय और संसाधनों की बचत के साथ-साथ शासन में स्थिरता लाने का दावा किया जा रहा है। हालांकि, विपक्षी दलों ने इसे संघीय ढांचे पर हमला बताते हुए विरोध किया है।
चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया कि यह बैठक SIR को लागू करने की दिशा में प्रारंभिक कदम है, और इसमें सभी हितधारकों की राय को शामिल किया जाएगा। आयोग ने यह भी कहा कि वह जनता और राजनीतिक दलों से सुझाव मांगने के लिए जल्द ही एक पब्लिक कंसल्टेशन पोर्टल (Public Consultation Portal) शुरू करेगा। इस बैठक के नतीजे देश की चुनावी प्रक्रिया में ऐतिहासिक बदलाव की शुरुआत हो सकते हैं।