Sir Creek Dispute Between India And Pakistan In Hindi | Sir Creek Dispute को लेकर भारत-पाकिस्तान की स्ट्रेसफुल सिचुएशन फिर से ट्रेंड में तब आई, जब रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defence Minister Rajnath Singh) ने कहा कि यदि Pakistan इस क्षेत्र में कोई “गलत कदम” उठाता है तो भारत “इतनी निर्णायक प्रतिक्रिया” देगा कि वह इतिहास और भूगोल दोनों बदल सकती है।
Sir Creek Dispute Between India And Pakistan
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने यह भी कहा कि India ने इस विवाद को हल करने के लिए कई दफ़े संवाद की पहल की, लेकिन Pakistan की मंशाएं अस्पष्ट रहीं। सिंह ने पाकिस्तान पर आरोप लगाया कि उसने सिरी क्रीक (Sir Creek) के आसपास अपनी सैन्य संरचनाओं का विस्तार किया है, जिससे उसकी वास्तविक मंशा उजागर हो रही है।
भारत को अपमान पसंद नहीं, Putin ने ऐसी बात बोली कि Trump खिसिया जाएंगे
क्या है Sir Creek Dispute?
Sir Creek एक लगभग 96 किमी लंबी ज्वारीय नदीमुख (Tidal Estuaries) है, जो गुजरात (भारत) और सिंध (पाकिस्तान) की सीमा पर स्थित है। इस क्षेत्र को वर्षों से विवादित माना जाता रहा है क्योंकि इसकी Boundaries, Maritime Rights, Oil और Gas Resources और आर्थिक क्षेत्रों को दोनों देशों के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है।
भारत थैलेव (नदी की मुख्य धारा) सिद्धांत को आधार मानकर मध्यनदी रास्ते को सीमा बताते हुए इसका दावा करता है, जबकि पाकिस्तान इसे एक ज्वारीय क्षेत्र मानता है और पूर्वी किनारे को सीमा के रूप में स्वीकारने की मांग करता रहा है।
इस विवाद में न केवल राजनयिक बल्कि आर्थिक एवं सामरिक आयाम भी जुड़े हुए हैं। सिरी क्रीक का Control maritime boundaries, Exclusive Economic Zone (EEZ) और Continental shelf पर असर डालता है।
मछुआरों की गिरफ्तारियाँ भी विवाद का एक पक्ष हैं, क्योंकि वे अनजाने में सीमा पार कर जाते हैं। इसके अतिरिक्त, पाकिस्तान द्वारा LBOD नहर के माध्यम से इस क्षेत्र में खारा पानी छोड़ने को भारत ने विवाद के एक और पहलू के रूप में देखा है।
Voyager Station: Space का Five-Star Resort,स्पेस टूरिज्म का नया दौर शुरू
राष्ट्र रक्षा की दृष्टि से, राजनाथ सिंह ने चेतावनी दी कि भारत ने सीमाकालीन सुरक्षा को मजबूत किया है। उन्होंने कहा कि भारत की सेनाएँ और सीमा सुरक्षा बल सतर्क हैं और 1965 युद्ध का उदाहरण देते हुए बताया कि उस वक्त भारतीय सेना लाहौर तक पहुंचने में सक्षम थी।
उन्होंने कहा कि आज के हालात में, अगर पाकिस्तान उकसावे की नीति अपनाता है, तो भारत उसे उसी तरह जवाब देगा। यह विवाद 78 सालों से जारी है और दोनों देशों के बीच इस मुद्दे पर अब भी कोई स्थिर समाधान नहीं निकला है।