SIR Controversy in Parliament : सोमवार को संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होते ही हंगामे ने पूरे सदन को गर्मा दिया है। इस दौरान विपक्ष ने ‘एसआईआर’ (वोटर लिस्ट में सुधार) के मुद्दे पर जमकर हंगामा किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा- ‘संसद में ड्रामा नहीं, डिलीवरी होनी चाहिए।’ पीएम मोदी के इस बयान पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने पलटवार कर कहा, “11 वर्षों में सरकार ने लगातार संसदीय मर्यादा और लोकतांत्रिक प्रक्रिया का अपमान किया। प्रधानमंत्री मोदी ने संसद में फिर से ‘ड्रामेबाजी की डिलीवरी की है’, संसद को असली मुद्दों पर ध्यान से भटकाने के लिए मोदी ही जिम्मेदार हैं।” पीएम मोदी के बयान पर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और सांसद अखिलेश यादव ने भी तीखा पलटवार किया है। अखिलेश यादव ने पीएम मोदी से पूछा- क्या बीएलओ की मौतें भी ड्रामा हैं?
क्या है संसद में ड्रामा वाले बयान का पूरा मामला?
संसद में शीतकालन सत्र की शुरुआत से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा, “ड्रामा करने के लिए बहुत जगह है, यहां डिलीवरी होनी चाहिए। नारेबाजी चलती रहे, लेकिन हमें नीति और विषय पर बात करनी चाहिए। देश नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़ रहा है।” वहीं बाद में सदन को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, “मुझे लंबे समय से चिंता है कि नए सांसदों और युवाओं को अपने क्षेत्र की समस्याओं को रखने का अवसर नहीं मिल रहा है। हमें इस दिशा में सोचना चाहिए कि नारेबाजी की जगह नीति पर चर्चा हो। राष्ट्र निर्माण के लिए नकारात्मकता को मर्यादा में रखकर काम करना चाहिए। सरकार का उद्देश्य संसद को राजनीति का रंगमंच बनाना नहीं, बल्कि सार्थक और परिणामोन्मुखी बहस का मंच बनाना है।”
SIR पर अखिलेश यादव ने जताई कड़ी नाराजगी
सामाजिक पार्टी के सांसद और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सोमवार को संसद में कहा कि लोकतंत्र तभी मजबूत होगा जब वोट देने का अधिकार हमसे नहीं छीना जाएगा। उन्होंने कहा, “एसआईआर (वोटर लिस्ट में सुधार) की चिंता आज सच साबित हो रही है। अगर वोट कट जाएगा, तो कोई अपने सपने कैसे पूरे करेगा?” अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार नोएडा में बड़ी आईटी कंपनियों को हायर कर रही है, जिनके जरिए उनके पास यूपी में वोटर लिस्ट की डिटेल्स हैं। उन्होंने कहा, “यह सब चल रहा है। एसआईआर का मकसद लोकतंत्र को मजबूत करना नहीं, बल्कि वोट काटने का खेल है।” उन्होंने आगे कहा, “जमीन पर बीएलओ फॉर्म भी नहीं भर पा रहे हैं। कई बीएलओ स्ट्रेस में हैं। जब यूपी में अभी कोई चुनाव नहीं है, तो इतनी जल्दी क्यों? यह सब चिंता का विषय है।”
अखिलेश यादव ने पूछा- BLO की मौतें भी क्या ड्रामा हैं?
संसद में पीएम मोदी के ड्रामेबाजी के बयान पर अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार पर तंज कसा। अखिलेश यादव ने कहा, “एसआईआर की प्रक्रिया को गंभीरता से लेना चाहिए, न कि इसे सिर्फ एक ‘ड्रामा’ समझा जाए। क्या बीएलओ (बूथ लेवल ऑफिसर) की मौतें भी ‘ड्रामा’ हैं? लोकतंत्र तभी मजबूत होगा जब वोट देने का अधिकार हमें सुरक्षित रहेगा। भाजपा ने नोएडा में बड़ी आईटी कंपनियों को हायर किया है और उनके जरिए वोटर लिस्ट का डेटा हासिल किया है। एसआईआर का मकसद लोकतंत्र को मजबूत करना नहीं, बल्कि वोट काटने का खेल है। जमीन पर बीएलओ फॉर्म भर नहीं पा रहे हैं, कई स्ट्रेस में हैं। जब यूपी में तुरंत चुनाव नहीं हैं, तो इतनी जल्दी क्यों? नकारात्मकता को मर्यादा में रखकर राष्ट्र निर्माण पर ध्यान देना चाहिए।”
कांग्रेस ने पीएम मोदी के बयान को बताया नाटक
बता दें कि कांग्रेस ने भी प्रधानमंत्री मोदी के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सोशल मीडिया पर लिखा, “भाजपा सरकार बीते 11 वर्षों से संसदीय मर्यादा और व्यवस्था को रौंद रही है। प्रधानमंत्री की ओर से फिर से ड्रामेबाजी का आरोप, यह जनता का ध्यान भटकाने का प्रयास है। असल मुद्दों जैसे बेरोजगारी, महंगाई, और देश की संसाधनों की लूट पर चर्चा होनी चाहिए।” कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा, “मुद्दों पर चर्चा करना कोई ड्रामा नहीं है। एसआईआर, प्रदूषण, बेरोजगारी जैसे मुद्दे गंभीर हैं। इन पर चर्चा होनी चाहिए।” जबकि कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने कहा, “प्रधानमंत्री खुद नारे लगा रहे हैं और हमें नारे न लगाने की सलाह दे रहे हैं। जब भी आप बयान देते हैं, तो सोचें कि आप क्या कर रहे हैं।”
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