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SIP vs FD Where Should you invest in 2025? जानें कहाँ बनेगा मोटा पैसा!

SIP vs FD: निवेश करना है लेकिन पता नहीं है कहाँ करें जहाँ अच्छा रिटर्न मिल सके. इसी कंफ्यूजन को आज हम दूर करने वाले हैं. अगर आप ये भी चाहते हैं कि जहां भी निवेश किया जाए वो सुरक्षित हो और रिटर्न भी अच्छा मिले. ऐसे में लोगों के जेहन में सबसे पहले फिक्स्ड डिपॉजिट का ही नाम आता है, लेकिन कोई आपसे कहेगा की म्यूचुअल फंड में SIP कर लो, बढ़िया रिटर्न मिलेगा. हालांकि इन दोनों विकल्पों में कोई बुराई नहीं है. फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) एक अलग निवेश का जरिया है और Mutual funds में SIP अलग तरीका है. यह दोनों क्या हैं आइए जानते हैं…..

Fixed Deposit क्या है

अब सबसे पहले और प्राचीनतम निवेश यानी फिक्स्ड डिपॉजिट (Fixed Deposite) के बारे में समझ लेते हैं, कि आखिर क्या है FD जी हां यह काफी पुराना तरीका है निवेश का जिसमें आप किसी बैंक या किसी कंपनी में एक तय समय के लिए पैसा डाल देते हैं. जब इसकी मैच्योरिटी हो जाती है तो ब्याज के साथ आपको पैसा मिल जाता है. फिक्स्ड डिपॉजिट को निवेश का एक बहुत सरल और सुरक्षित जरिया माना जाता है, जिसे आमतौर पर रिटायर्ड लोग चुनते हैं, क्योंकि उनकी Risk Capacity यानि निवेश में खतरा लेने की क्षमता कम होती है. ये ऐसे लोगों के लिए एक तय आमदनी का यह अच्छा जरिया होता है. इसमें आप अपनी सहूलियत और जरूरत के हिसाब से ब्याज को एकसाथ बाद में भी ले सकते हैं और हर महीने भी ले सकते हैं.

क्या है SIP?

Systematic Investment plan या SIP Mutual funds में निवेश का एक जरिया है. इसमें आप अपनी क्षमता के अनुरूप प्रति माह कुछ पैसा Mutual funds में डालते हैं. ये एक लक्ष्य निर्धारित निवेश होता है, जैसे किसी को अगर 5 साल बाद करोड़पति बनना है तो उसे आज से ही कितना पैसा SIP के जरिए निवेश करना होगा, ये पहले से तैयारी करके चलना पड़ता है. घर खरीदना, गाड़ी खरीदना, पढ़ाई के लक्ष्यों के हिसाब से अलग अलग SIP होती हैं. इसकी सबसे खास बात ये होती है कि रिस्क क्षमता के हिसाब से आप कैटेगरी भी चुनते हैं. अगर ज्यादा रिस्क लेने की क्षमता है तो इक्विटी फंड्स, कम रिस्क क्षमता है तो डेट फंड्स और हल्की रिस्क क्षमता है तो हाइब्रिड फंड्स चुनते हैं.

कितना करना होगा न्यूनतम निवेश

गौरतलब है कि, SIP में आप 500 रुपये महीना से निवेश शुरू कर सकते हैं, ताकि पॉकेट पर बोझ न पड़े. आप इसे मासिक की बजाय तिमाही आधार पर चुन सकते हैं. FD में न्यूनत निवेश की शुरुआत 1,000 रुपये से शुरू होती है. चूंकि ये निवेश एकमुश्त होता है, इसलिए लोगों को हर महीने पैसे नहीं जमा करना पड़ता. अमूमन लोग FD का विकल्प तभी चुनते हैं जब उनके पास एक बड़ी एकमुश्त रकम हो और वो उसे सुरक्षित कहीं रखना चाहते हैं.

निवेश की अवधि

FD पुराना निवेश का औजार है, इसे शॉर्ट टर्म और लॉन्ग टर्म दोनों तरह से सोचा जा सकता है. FD 7 दिन से लेकर 45 दिन, 1.5 साल और अधिकतम 10 साल के लिए भी होती है. जबकि इसके ठीक उलट SIP को आमतौर पर लंबी अवधि का निवेश माना जाता है, जितना लंबा निवेश होगा, उतना अच्छा रिटर्न मिलेगा.

कितना मिलेगा रिटर्न

FD और SIP के रिटर्न में एक सबसे बड़ा अंतर ये है कि FD का रिटर्न तो फिक्स्ड होता है, लेकिन SIP का नहीं. फिक्स्ड डिपॉजिट का रेट एक निश्चित समय के लिए तय होता है, जो कि वर्तमान में यह लगभग 6-7.75 फीसदी तक चल रहा है. लेकिन SIP का रिटर्न म्यूचुअल फंड के प्रदर्शन और शेयर बाजार की चाल पर निर्भर करता है. अगर म्यूचुअल फंड में निवेश को 5 साल तक जारी रखा जाए तो 15 परसेंट तक का रिटर्न भी मिलता है. जो कि FD के रिटर्न से कहीं ज्यादा है.

Tax किस आधार पर लगेगा

FD और MF में कर बिल्कुल अलग लगता है. फिक्स्ड डिपॉजिट में जितना भी ब्याज आप कमाते हैं आपके टैक्स स्लैब के हिसाब से टैक्स काटा जाएगा. जबकि MF में टैक्स इस आधार पर लगता है कि आपने निवेश कितने दिन तक बनाए रखा. यहां हम सिर्फ इक्विटी म्यूचुअल फंड्स की बात करें तो टैक्स इस तरह से लगता है , 12 महीने से ज्यादा अगर आपने म्यूचुअल फंड यूनिट्स में निवेश कर रखा था, तो लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस पर 10 परसेंट का टैक्स लगेगा, 1 लाख रुपये तक का लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस टैक्स फ्री है. 12 महीने से कम समय तक यूनिट्स रखने पर शॉर्ट टर्म कैपिटल गेंस के हिसाब से 15 परसेंट टैक्स लगेगा.

किसे चुनें FD या SIP

अब यह सवाल आता है की जब अपनी जगह दोनों ही बेहतर विकल्प हैं तो किसे चुनें ऐसे में आपको बताएं की यदि आपका नजरिया लंबा है और आप लंबी अवधि के हिसाब से थोड़ा रिस्क ले सकते हैं तब तो आपको SIP करनी चाहिए और अगर शॉर्ट टर्म में निवेश करना है और एकदम सुरक्षित तरीका अपनाना है तो आपको FD में निवेश करना चाहिए.

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